मेरठ में किसानों का हंगामा, कमिश्नरी के बाहर धरना जारी

मेरठ: शुक्रवार को मेरठ में किसानों ने ट्रैक्टर तिरंगा यात्रा निकालकर जोरदार प्रदर्शन किया है। हजारों की संख्या में किसान मेरठ कमिश्नरी पहुंचे और उन्होंने कमिश्नरी को चारों ओर से घेर लिया। किसानों ने अपनी मांगों को लेकर आर-पार की लड़ाई का ऐलान कर दिया है और कहा है कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होतीं, तब तक वे यहां डटे रहेंगे।
दोपहर में अचानक से मेरठ कमिश्नरी के पास ट्रैक्टरों की संख्या बढ़नी शुरू हो गई। देखते ही देखते सैकड़ों ट्रैक्टरों का काफिला कमिश्नरी पहुंच गया। किसानों ने चारों तरफ के रास्ते ब्लॉक कर दिए और पूरी तरीके से कमिश्नरी आने-जाने वाले रास्तों पर डेरा डाल दिया। हर रास्ते पर किसानों का कब्जा था और इसकी वजह से पुलिस को भी बैरिकेटिंग करके रास्ता रोकना पड़ा।
ट्रैक्टर तिरंगा यात्रा लेकर मेरठ कमिश्नरी पहुंचे किसानों ने किसान एकता जिंदाबाद और बाबा टिकैत अमर रहे के नारे लगाए। किसानों ने मेरठ कॉलेज के सामने बड़ा पंडाल लगाया और वहां हुंकार भरनी शुरू कर दी। किसान नेता यहां सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद कर रहे थे और आर-पार की लड़ाई का ऐलान कर रहे थे।

किसानों की मांगें:
किसानों ने एमएसपी गारंटी कानून, बिजली बिल विधेयक, सी टू प्लस 50 स्वामीनाथन रिपोर्ट, किसान आंदोलन में 750 किसानों की शहादत और परिवार को आर्थिक मदद, लखीमपुर खीरी के आरोपियों को कड़ी सजा, बाढ़ प्रभावित इलाकों में किसानों की बर्बाद हुई फसल का उचित मुआवजा, खसरा खतौनी के अंश गलत होने का मामला, बकाया गन्ना भुगतान, आवारा पशुओं की परेशानी, लखीमपुर खीरी, बिजनौर सहित कई जिलों में जंगली जानवरों से जनहानि पर उचित कदम उठाए जाने सहित कई मुद्दे उठाए हैं।
पुलिस का मोर्चा:


किसानों के इस आंदोलन को लेकर मेरठ कमिश्नरी के पास एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह मोर्चा संभाले रहे हैं। पीएसी, आरएएफ, कई थानों की फोर्स, कई सर्किल के सीओ के साथ एसपी सिटी ने मोर्चा संभाले रखा। वह लगातार किसान नेताओं से बातचीत करते रहे और धरना खत्म करने की अपील करते रहे। किसानों ने जो रास्ता जाम किया था उसे भी एसपी सिटी ने खुलवा दिया और जाम की परेशानी झेल रहे मेरठ के लोगों को राहत मिली। ट्रैक्टर सड़क के दोनों तरफ खड़े रहे और बीच से रास्ता चलता रहा।
भाकियू जिलाध्यक्ष का ऐलान:
भाकियू के जिलाध्यक्ष अनुराग चौधरी ने कहा कि जब तक ठोस आश्वासन नहीं मिलेगा किसान घर नहीं जाएंगे और धरना जारी रहेगा। इस बार हक लेकर रहेंगे और तभी किसान घर जाएगा जब उनकी मांगे मानी जाएंगी। किसान मेरठ कॉलेज के सामने ही रात में भी धरना देखकर बैठे हैं और फोर्स भी मौजूद है।


मेरठ में किसानों का यह प्रदर्शन पश्चिमी उत्तर प्रदेश में किसानों की एकजुटता को दर्शाता है। किसान अपनी मांगों को लेकर दृढ़ हैं और वे अपनी मांगे मानने तक पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार इस स्थिति से कैसे निपटती है।


