छत्रपति संभाजी महाराज बलिदान दिवस ; पूजा-पाठ अनुष्ठान के माध्यम से मनाया गया

मेरठ : शारदा रोड स्थित अखिल भारत हिंदू महासभा के कार्यालय पर हिंदू हृदय सम्राट कहे जाने वाले छत्रपति संभाजी महाराज की पुण्यतिथि बलिदान दिवस उन महान आत्मा को याद करते हुए पूजा-पाठ अनुष्ठान के माध्यम से मनाया गया। कार्यक्रम में उपस्थित हिंदू महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पंडित अशोक शर्मा ने इस सभा की अध्यक्षता करते हुए संभाजी महाराज के महान जीवन चरित्र की जीवनी का वर्णन किया और सभी हिंदू महासभा के कार्यकर्ताओं ने मिलकर आदरणीय संभाजी महाराज के पद चिन्हों पर चलने की शपथ ली।
पंडित अशोक शर्मा ने बताया कि छत्रपती संभाजी राजे (संभाजी) (छत्रपति सम्भाजी राजे भोसले या शम्भुराजे; 1657-1689) मराठा सम्राट और छत्रपती शिवाजी महाराज के उत्तराधिकारी थे। उस समय मराठों के सबसे प्रबल शत्रु मुगल बादशाह औरंगज़ेब था। बीजापुर और गोलकुण्डा का शासन हिन्दुस्तान से समाप्त करने में उनकी प्रमुख भूमिका रही। सभा में उपस्थित प्रदेश प्रवक्ता एवं जिला अध्यक्ष अभिषेक अग्रवाल ने बताया कि सम्भाजी राजे ने अपने कम समय के शासन काल में 210 युद्ध किये और इसमे एक प्रमुख बात ये थी कि उनकी सेना एक भी युद्ध में पराभूत नहीं हुई। उनके पराक्रम की वजह से परेशान हो कर औरंगज़ेब ने कसम खायी थी के जब तक छत्रपती सम्भाजीराजे पकड़े नहीं जायेंगे, वो अपना किमोंश सर पर नहीं चढ़ाएगा। 11 मार्च 1689 अमावस्या को औरंगजेब ने छत्रपती सम्भाजी महाराज की बड़ी क्रूरता के साथ हत्या कर दी।
ऐसे महान योद्धाओं को याद करते हुए हम हाथ जोड़कर भारत सरकार से निवेदन करते हैं कि भारत सरकार को भी इन लोगों को अपनी ओर से सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित करनी चाहिए और ऐसे महान पुरुषों के नाम पर किसी बड़े अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का नाम अवश्य रखना चाहिए। भारत के अंदर चलने वाली जलमार्ग सेवा में रेलवे लाइन मार्ग सेवा में या कोई भी वायु मार्ग सेवा में चलने वाले वाहनों के अंतर्राष्ट्रीय वाहनों के नाम श्री संभाजी महाराज के नाम पर होने चाहिए। सभा में मुख्य रूप से महानगर अध्यक्ष भरत राजपूत, प्रचार मंत्री पंडित अरविंद शर्मा, दीपक शर्मा, प्रताप सिंह, प्रथम शर्मा, हनी कुमार, शानू गोयल, सावन कुमार सहित अन्य हिंदू महासभा के कार्यकर्ता मौजूद रहे।