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दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर पर मेरठ में तीसरी टनल का ब्रेकथ्रू

मेरठ : दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर पर मेरठ में तीसरी टनल का आज सफल ब्रेकथ्रू हुआ। इस टनल का निर्माण कर रही सुदर्शन 8.2 (टनल बोरिंग मशीन) ने भैंसाली से मेरठ सेंट्रल स्टेशन के बीच लगभग 2 किलोमीटर लंबी टनल का सफलतापूर्वक निर्माण पूरा कर लिया और मेरठ सेंट्रल स्टेशन में बनाई गयी टनल रिट्रीविंग शाफ्ट से ब्रेकथ्रू किया।

मेरठ में आरआरटीएस कॉरिडोर की यह तीसरी टनल है, जिसका सफलतापूर्वक ब्रेकथ्रू हुआ है। करीब डेढ़ महीने पहले भैंसाली से मेरठ सेंट्रल स्टेशन तक की ही पहली टनल का निर्माण सुदर्शन 8.1 ने पूर्ण किया था। उल्लेखनीय है कि आरआरटीएस के भूमिगत कॉरिडोर में ट्रेनों की आवाजाही के लिए दो समानांतर टनल निर्मित की जाती हैं। भैंसाली से मेरठ सेंट्रल तक की दूसरी समानांतर टनल का निर्माण पूर्ण होने इस सेक्शन का भूमिगत हिस्सा पूरी तरह निर्मित हो चुका है।

मेरठ में पहला सफलतापूर्वक ब्रेकथ्रू अक्टूबर 2022 में हुआ था, जिसके अंतर्गत सुदर्शन 8.3 ने गांधीबाग से बेगमपुल तक की टनल का निर्माण किया था। वर्तमान में यही सुदर्शन 8.3 गांधीबाग से बेगमपुल तक की दूसरी समानांतर टनल का निर्माण कर रही है। आने वाले हफ्तों में भैंसाली से मेरठ सेंट्रल तक टनल निर्माण कर चुकीं दोनों टीबीएम- सुदर्शन 8.1 और सुदर्शन 8.2 को भैंसाली से बेगमपुल के बीच समानांतर टनल निर्माण के लिए पुन: असेंबल किया जाएगा।

भैंसाली से मेरठ सेंट्रल तक 2 किलोमीटर लंबी दूसरी समानांतर टनल के ब्रेकथ्रू के साथ ही एनसीआरटीसी ने परियोजना का एक और माइलस्टोन हासिल कर लिया है। टनल निर्माण होने के बाद सुरंग के अंदर ट्रैक बिछाने का कार्य प्रारम्भ होगा। मेरठ के शताब्दीनगर के कास्टिंग यार्ड की ट्रैक स्लैब फैक्ट्री में प्रीकास्ट ट्रैक स्लैब का निर्माण किया जा रहा है। इन ट्रैक स्लैब को ट्रकों-ट्रेलरों के जरिये टनल की साइट पर ले जाया जाएगा और इन्सटॉल किया जाएगा। संपूर्ण कॉरिडोर को 2025 तक जनता के लिये खोलने के लक्ष्य के अनुरूप यह कार्य तीव्र गति से किया जाएगा।

भैंसाली से मेरठ सेंट्रल तक लगभग 2 किमी लंबी टनल के निर्माण के लिए 9000 से अधिक प्री-कास्ट सेगमेंट का उपयोग किया गया है। टनलिंग प्रक्रिया में, इन सेगमेंट को बोर की गई टनल में इंसर्ट किया जाता है और सात खंडों को जोड़कर एक रिंग का निर्माण किया जाता है। प्रत्येक सेगमेंट 1.5 मीटर लंबा और 275 मिमी मोटा होता है। इन सेगमेंट और रिंग को बोल्ट की मदद से जोड़ा जाता है। बड़े रोलिंग स्टॉक और 180 किमी. प्रति घंटे की उच्च डिजाइन गति के कारण, निर्मित की जा रही आरआरटीएस टनलों का व्यास 6.5 मीटर है। मेट्रो सिस्टम की तुलना में, देश में पहली बार इतनी बड़ी आकार की टनल का निर्माण किया जा रहा है।

इन टनल सेगमेंट की कास्टिंग एनसीआरटीसी के शताब्दी नगर स्थित कास्टिंग यार्ड में, सुनिश्चित गुणवत्ता नियंत्रण के साथ की जा रही है। प्री-कास्टिंग गुणवत्ता नियंत्रण सुनिश्चित करते हुए कार्यों के सुरक्षित और तेजी से निष्पादन में मदद करती है।

आरआरटीएस परियोजना को निर्धारित समय सीमा के अनुसार कार्यान्वित किया जा रहा है। मेरठ सेंट्रल, भैसाली और बेगमपुल मेरठ में तीन भूमिगत स्टेशन हैं, जिनमें से मेरठ सेंट्रल और भैसाली मेरठ मेट्रो स्टेशन हैं, जबकि बेगमपुल स्टेशन आरआरटीएस और मेट्रो, दोनों सेवाएँ प्रदान करेगा। एनसीआरटीसी मेरठ में आरआरटीएस नेटवर्क पर ही स्थानीय पारगमन सेवाएं, मेरठ मेट्रो प्रदान करने जा रहा है, जिसमें 21 किमी की दूरी में 13 स्टेशन होंगे।

Munish Kumar

Munish is a senior journalist with more than 18 years of experience. Freelance photo journalist with some leading newspapers, magazines, and news websites, has extensively contributing to The Times of India, Delhi Times, Wire, ANI, PTI, Nav Bharat Times & Business Byte and is now associated with Local Post as Editor

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