अयोध्या हिंदुस्तान के सभी धर्म के मानने वालों के लिए श्रद्धा का केंद्र है- डॉ अमित राय जैन
- संस्कृति मंत्रालय उत्तर प्रदेश द्वारा आयोजित रामोत्सव अयोध्या में इतिहासकार अमित राय जैन की पुस्तक पर परिचर्चा
- राम जन्मभूमि अयोध्या में हजारों श्रद्धालु श्रद्धालुओं के सवालों का जवाब देकर बड़ौत का डंका बजाकर लौटे इतिहासकार डॉ. अमित राय जैन
बड़ौत: राम मंदिर की प्रतिष्ठा से पूर्व प्रकाशित होने वाली “राम जन्मभूमि अयोध्या- पास्ट टू प्रेजेंट” पुस्तक के लेखक नगर बड़ौत निवासी इतिहासकार डॉक्टर अमित राय जैन की पुस्तक पर संस्कृति मंत्रालय उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा आयोजित रामोत्सव अयोध्या जैसे महत्वपूर्ण कार्यक्रम में हजारों श्रद्धालुओं के बीच चर्चा हुई l करीब डेढ़ घंटा प्रस्तुत पुस्तक पर वार्ताकार वरिष्ठ पत्रकार ओम प्रकाश सिंह ने वार्ता करते हुए इतिहासकार डॉ अमित राय जैन को अयोध्या के इतिहास, पुरातत्व, राम जन्मभूमि आंदोलन तथा अयोध्या के भविष्य की संभावनाओं पर गहन चर्चा की l
अयोध्या नगर के मध्य में आयोजित प्रस्तुत कार्यक्रम में इतिहासकार डॉक्टर अमित राय जैन का अभिनंदन रामनामी चादर, अंग वस्त्र, राम मंदिर का एक विशेष स्मृति चिन्ह तथा उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जारी किया गया प्रमाण पत्र देते हुए किया गया lअयोध्या से लौट कर इतिहासकार श्री जैन ने बताया कि प्रस्तुत कार्यक्रम राम जन्मभूमि अयोध्या मंदिर में विराजित रामलाल की प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रमों के परिपेक्ष में आयोजित सबसे महत्वपूर्ण कार्यक्रम है जिसमें संपूर्ण देश भर से प्रख्यात लेखक विचारक रंग कमी कुर्मी तथा सांस्कृतिक सांस्कृतिक महत्व के वरिष्ठ संस्कृति प्रेमियों को आमंत्रित करके कार्यक्रम आयोजित किया जा रहे हैं l आगामी 24 तारीख तक इन कार्यक्रमों का समापन हो जाएगाl
पुस्तक पर परिचर्चा करते हुए अमित राय जैन ने अयोध्या में कहा कि प्रभु श्री राम की जन्म भूमि अयोध्या एक शाश्वत तीर्थ नगरी है जो कि भारतवर्ष के सभी धर्म के श्रद्धालुओं के लिए समान रूप से श्रद्धा का केंद्र है l सनातन धर्म हो, चाहे जैन बौद्ध सिख धर्म के लोग हो किसी न किसी प्रकार से सभी धर्म का जुड़ाव अयोध्या नगरी से है l जहां अयोध्या में भगवान राम का जन्म हुआ, वहां पर जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर ऋषभदेव सहित अन्य पांच तीर्थंकरों का भी जन्म हुआ उसी के साथ गुरु नानक देव का अयोध्या आगमन एवं भगवान बुद्ध का अयोध्या में चातुर्मास इत्यादि ऐसे अनेकों घटनाएं इतिहास में दर्ज है, जिसके कारण अयोध्या संपूर्ण भारतवर्ष के धार्मिक जगत से संबंध रखने वाले लोगों के लिए समान रूप से श्रद्धा की पात्र है l आज अयोध्या में राम जन्मभूमि आंदोलन की परिणति के रूप में राम मंदिर में रामलाल की मूर्ति विराजमान होने के बाद जो प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम हुआ है उसमें संपूर्ण विश्व के सामने भगवान राम के प्रति अत्यंत आधार एवं सम्मान का भाव पैदा कर दिया है! यह एक ऐतिहासिक प्रसंग और घटना हैl
परिचर्चा के वार्ताकार ओमप्रकाश सिंह ने जब अमित राय जैन से पूछा कि वह अयोध्या के भविष्य की संभावनाओं के मध्य नजर क्या कहना चाहेंगे तो उन्होंने उसके उत्तर में कहां की आने वाला स्वयं बताया कि अयोध्या में राम मंदिर की प्रतिष्ठा के बाद कितना बदलाव आया है, जो की दिख भी रहा हैl लेकिन भविष्य में एक संभावना तो प्रबलतम है कि संपूर्ण विश्व से आने वाले राष्ट्र अध्यक्ष सबसे पहले अगर भविष्य में कहीं जाना चाहेंगे तो वह अयोध्या धाम ही होगा, वह आने वाले समय में आप देख सकते हैंl अयोध्या जनपद और आसपास के सभी जनपदों का जो चहुंमुखी विकास राम जन्मभूमि मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बाद हो रहा है वह एक महत्वपूर्ण मॉडल है जो की अन्य सभी राज्यों के लिए भी प्रेरणा का काम करेगा l