मेरठ में अवैध सेंट्रल मार्केट पर चला बुलडोज़र, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद आवास विकास परिषद की बड़ी कार्रवाई शुरू

मेरठ : शहर में ढाई दशक से आवासीय भूमि पर खड़ी अवैध व्यावसायिक इमारतों पर आखिरकार प्रशासन की सख्ती शुरू हो गई है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुपालन में सोमवार को मेरठ की बहुचर्चित सेंट्रल मार्केट पर कार्रवाई करते हुए 661/6 प्रॉपर्टी पर बने अवैध कॉम्प्लेक्स को ध्वस्त किया गया। यह अभियान आवास विकास परिषद की निगरानी में शुरू हुआ, जो आने वाले दिनों में अन्य अवैध निर्माणों तक भी पहुँचेगा।
सुप्रीम कोर्ट ने लगभग दस महीने पहले आदेश दिया था कि आवासीय कॉलोनियों में किए गए सभी अनधिकृत वाणिज्यिक निर्माणों को हटाया जाए। इसके बावजूद कार्रवाई में देरी हो रही थी, लेकिन अब परिषद ने अदालत के निर्देशों के अनुपालन में बुलडोज़र अभियान शुरू कर दिया है।


जानकारी के अनुसार, मेरठ के आवास विकास क्षेत्र में पिछले कई वर्षों से आवासीय प्लॉटों पर बाजार, शोरूम और कॉम्प्लेक्स खड़े किए जा रहे थे। बताया जा रहा है कि यह सब आवास विकास के कुछ भ्रष्ट अधिकारियों की मिलीभगत से संभव हुआ, जिन्होंने नियमानुसार कार्रवाई करने के बजाय इन निर्माणों को अनदेखा किया।
अधिकारियों के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी के बाद अब किसी भी अवैध निर्माण को बख्शा नहीं जाएगा। बुलडोज़र अभियान के पहले चरण में सेंट्रल मार्केट के कुछ हिस्सों को गिराया गया है, जबकि आने वाले हफ्तों में अन्य अवैध इमारतों पर भी कार्रवाई की जाएगी।


स्थानीय निवासियों का कहना है कि यह कार्रवाई वर्षों से चली आ रही अव्यवस्था के खिलाफ एक जरूरी कदम है। इससे न केवल आवासीय इलाकों का मूल स्वरूप बहाल होगा बल्कि भविष्य में अवैध निर्माणों पर अंकुश लगाने का भी सशक्त संदेश जाएगा।
प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि जिन इमारतों ने नियमों का उल्लंघन कर व्यावसायिक उपयोग शुरू किया है, उन पर अब किसी प्रकार की रियायत नहीं दी जाएगी। वहीं आवास विकास परिषद ने नागरिकों से अपील की है कि वे अपने भवन निर्माण कार्य केवल स्वीकृत मानचित्र के अनुसार ही करें, अन्यथा कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।


