विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर मेडिकल कॉलेज मेरठ द्वारा फैक्ट्री श्रमिकों के लिए जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन
मेरठ : लाला लाजपत राय स्मारक मेडिकल कॉलेज मेरठ के कम्युनिटी मेडिसिन विभाग द्वारा आज विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर सूरजकुंड स्थित एन०एन०एन० स्पोर्ट्स फैक्ट्री के श्रमिकों के लिए जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य श्रमिकों को मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना और उनके कार्यस्थल पर मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने पर बल देना था।
कार्यक्रम का संचालन कम्युनिटी मेडिसिन विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. सीमा जैन और सहायक आचार्य डॉ. नीलम गौतम के नेतृत्व में हुआ, जबकि प्राचार्य डॉ. आर. सी. गुप्ता के मार्गदर्शन में कार्यक्रम को आगे बढ़ाया गया। डॉ. गुप्ता ने मानसिक स्वास्थ्य के वर्तमान परिदृश्य पर प्रकाश डालते हुए बताया, “देश में लगभग 10.6% भारतीय किसी न किसी मानसिक बीमारी से ग्रसित हैं। एक हालिया सर्वे के अनुसार, 197.3 मिलियन भारतीय मानसिक रोगों से पीड़ित हैं, जिनमें से 45.7 मिलियन लोग अवसाद (डिप्रेशन) और 44.9 मिलियन लोग चिंता (एंग्जायटी) से ग्रस्त हैं।” उन्होंने कहा कि देश में मानसिक रोगियों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है, जिसे रोकने के लिए जागरूकता बेहद जरूरी है।
विभागाध्यक्ष डॉ. सीमा जैन ने मानसिक बीमारियों के इलाज में देरी और जागरूकता की कमी पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बताया, “मानसिक बीमारियों के उपचार में देरी (ट्रीटमेंट गैप) का प्रतिशत 85% से 96% तक है, जो कि बहुत ही चिंताजनक है। इसके पीछे का मुख्य कारण जागरूकता का अभाव, मानसिक रोगों के प्रति गलत धारणाएँ और समाज में इसके प्रति फैला हुआ भेदभाव है।”
सहायक आचार्य डॉ. नीलम गौतम ने बताया कि इस कार्यक्रम का विषय “कार्यस्थल पर मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देना आवश्यक है” रखा गया था। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि फैक्ट्री श्रमिकों को यह समझना चाहिए कि मानसिक स्वास्थ्य उनके शारीरिक स्वास्थ्य जितना ही महत्वपूर्ण है और कार्यस्थल पर इसे प्राथमिकता देना उनके समग्र स्वास्थ्य और कार्यक्षमता के लिए आवश्यक है।
कार्यक्रम के दौरान श्रमिकों को मानसिक स्वास्थ्य के विभिन्न पहलुओं के बारे में जानकारी दी गई, साथ ही मानसिक बीमारियों की पहचान, बचाव, और उपचार के उपायों पर चर्चा की गई। श्रमिकों ने कार्यक्रम में सक्रिय रूप से भाग लिया और मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े सवाल पूछे, जिनका विशेषज्ञों ने उत्तर दिया।
इस मौके पर डॉ. सरताज, डॉ. आशु, डॉ. साक्षी, डॉ. अंशुल, और इंटर्न संकल्प व नितीश भी उपस्थित रहे। साथ ही, स्वास्थ्य कार्यकर्ता मंजू और सोनू ने भी श्रमिकों के बीच जागरूकता फैलाने में योगदान दिया।
कार्यक्रम की सफलता ने इस बात को स्पष्ट किया कि मानसिक स्वास्थ्य पर खुलकर चर्चा करना और लोगों को जागरूक करना कितना महत्वपूर्ण है। कार्यक्रम के अंत में फैक्ट्री श्रमिकों ने भी इस पहल की सराहना की और इसे बेहद उपयोगी बताया।