Meerut

थाईलैंड में नौकरी का झांसा, म्यांमार में चार महीने तक बंधक ; सेना और भारतीय दूतावास की मदद से सुरक्षित लौटा मेरठ का युवक

मेरठ। विदेश में नौकरी का सपना देखने वाले एक युवक के साथ ऐसा धोखा हुआ कि वह चार महीने तक म्यांमार में बंधक बना रहा। कंकरखेड़ा थाना क्षेत्र के डिफेंस एंक्लेव निवासी आशीष कुमार को थाईलैंड में उच्च वेतन वाली नौकरी का लालच देकर साइबर क्राइम गिरोह ने म्यांमार ले जाकर बंदी बना लिया।
भारतीय दूतावास और म्यांमार आर्मी की संयुक्त कार्रवाई से आशीष 18 नवंबर को सुरक्षित अपने घर लौट सका।


नौकरी का लालच और अंतरराष्ट्रीय गिरोह का जाल

आशीष ने बताया कि वर्ष 2025 में वह नोएडा की एक कंपनी में कार्यरत था। इसी दौरान उसकी मुलाकात उत्तराखंड निवासी केशव टोनी उर्फ शिवम से हुई। केशव ने उसे थाईलैंड की एक कंपनी में अच्छी नौकरी का झांसा दिया और 20 मई को टेलीग्राम के माध्यम से ऑनलाइन इंटरव्यू भी करवाया।

आशीष को विश्वास हो गया, और 1 जून को वह बैंकॉक पहुंच गया। यहीं से उसकी परेशानी शुरू हो गई।


बैंकॉक से धोखे से म्यांमार ले जाया गया

आशीष ने पुलिस को बताया कि बैंकॉक पहुंचने के बाद केशव ने उसे कुछ लोगों के हवाले कर दिया।
उसे धोखे से नाव के जरिए सीमा पार कर म्यांमार ले जाया गया। वहां पहुंचते ही मुंबई निवासी असद और उसके विदेशी साथियों ने उसका पासपोर्ट, फोन और सामान छीन लिया और कंपनी परिसर में बंद कर दिया।


फर्जी साइबर ठगी कराने का दबाव

आशीष के मुताबिक आरोपी उसे रोज़ फर्जी फेसबुक और सोशल मीडिया अकाउंट बनवाकर साइबर फ्रॉड करने के लिए मजबूर करते थे।

  • खाना समय पर नहीं मिलता,
  • धमकियाँ दी जातीं,
  • बाहर जाने की अनुमति नहीं थी।

चार महीनों तक वह लगातार मानसिक और शारीरिक उत्पीड़न झेलता रहा।


परिजनों ने दूतावास से लगाई गुहार, म्यांमार आर्मी ने छापा मारा

एक सप्ताह तक आशीष का कोई संपर्क न होने पर परिजनों ने भारतीय दूतावास को सूचना दी।
इसके बाद दूतावास ने म्यांमार प्रशासन को अलर्ट किया।

20 अक्टूबर को म्यांमार आर्मी ने छापा मारकर आशीष को मुक्त कराया।
दूतावास की देखरेख में आवश्यक दस्तावेज तैयार किए गए और अंततः 18 नवंबर को वह भारत लौटा।


गिरोह के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की तैयारी

आशीष की तहरीर पर पुलिस ने

  • केशव टोनी उर्फ शिवम (उत्तराखंड)
  • असद (मुंबई)
  • तथा अज्ञात चीनी और विदेशी नागरिकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।

एसपी डॉ. विपिन टांडा ने बताया—

“मामला अत्यंत गंभीर है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फैले इस गिरोह को पकड़ने के लिए मुंबई पुलिस, केंद्रीय एजेंसियों और म्यांमार दूतावास से संपर्क किया गया है। आरोपियों पर कठोर कार्रवाई होगी।”


विदेश में नौकरी के नाम पर बढ़ता खतरा

यह मामला उन कई घटनाओं में से एक है, जहाँ युवाओं को

  • विदेश में ऊँची सैलरी,
  • तेज प्रोसेसिंग,
  • फर्जी कंपनियों
    के नाम पर जाल में फंसाया जा रहा है और उन्हें साइबर फ्रॉड जैसे अपराधों में धकेला जा रहा है।

सावधानी ही सुरक्षा

पुलिस ने अपील की है कि

  • किसी भी विदेशी नौकरी के ऑफर की
  • कंपनी के दस्तावेज,
  • वर्क परमिट,
  • दूतावास की वेबसाइट से पुष्टि अवश्य करें

आशीष की सुरक्षित वापसी राहत की बात है, लेकिन उसकी कहानी एक चेतावनी भी है , विदेश में नौकरी का सपना देखते समय सतर्कता और सही सलाह बेहद जरूरी है।

Munish Kumar

Munish is a senior journalist with more than 18 years of experience. Freelance photo journalist with some leading newspapers, magazines, and news websites, has extensively contributing to The Times of India, Delhi Times, Wire, ANI, PTI, Nav Bharat Times & Business Byte and is now associated with Local Post as Editor

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