
मेरठ : मेरठ की उड़न परी रूपल चौधरी परिवार की जिद पूरी कर अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में डेब्यू करने जा रही है। रूपल एक से छह अगस्त तक कोलंबिया में होने वाली अंडर-20 विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में तीन अलग-अलग स्पर्धाओं में देश का प्रतिनिधित्व करेंगी। यूपी राज्य के बाद अब रूपल पहली बार टीम इंडिया की टी-शर्ट पहनेंगे।
रोहता क्षेत्र के शाहपुर जैनपुर निवासी 17 वर्षीय एथलीट रूपल चौधरी अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में मेरठ के साथ देश का नाम रोशन करने जा रही है ।वह रविवार को कोलंबिया पहुंचीं। जहां एक अगस्त से छह अगस्त तक तीन स्पर्धाओं में बालिका वर्ग रिले, मिश्रित रिले और 400 मीटर दौड़ में हिस्सा लिया जाएगा। रूपल के इवेंट 1 अगस्त से शुरू होंगे। इस सफलता के पीछे रूपल की जिद और दौड़ने का उनका जुनून है।
पिता ओमवीर सिंह ने बताया कि रूपल ने किसान इंटर कॉलेज, मढ़ी से पढ़ाई की है। परिवार का उन्हें खेलों में भेजने का मन नहीं कर रहा था। वहीं रूपल ने खेलों में जाने की जिद पकड़ ली। पिता रूपल को 2017 में कैलाश प्रकाश स्टेडियम में कोच विशाल सक्सेना के पास ले आए। यहीं से उनके जीवन में खेल का एक नया अध्याय शुरू हुआ।
रूपल ने राष्ट्रीय स्तर पर 9 पदक जीते हैं, जिसमें 5 स्वर्ण, 3 रजत और 1 कांस्य पदक शामिल हैं। उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर सीनियर इवेंट में सिल्वर मेडल भी हासिल किया है। रूपल की मां ममता गृहिणी हैं, जबकि उनके पिता ओमवीर सिंह किसान हैं। भाई परमजीत यूपी पुलिस में हैं। दादी ईश्वर कौर और ताऊ तांत सिंह समेत परिवार की निगाहें रूपल की जीत पर टिकी हैं.
पिता के साथ कोच ने निभाई अहम भूमिका
पिता ओमवीर सिंह रूपल को गांव से रोजाना 30 किमी दूर ले जाते थे। कैलाश प्रकाश स्टेडियम का दौरा किया और इसे लेने की जिम्मेदारी ली। कोच विशाल सक्सेना और उनकी पत्नी अमिता सक्सेना ने रूपल को यहां लाने के लिए दिन-रात एक किया। स्टेडियम में मड ट्रैक होने के कारण सप्ताह में दो दिन दिल्ली सिंथेटिक ट्रैक पर अभ्यास के लिए जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम भी जाती थी।



