कांवड़ यात्रा को लेकर हाई अलर्ट, सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम

मेरठ: श्रावण मास के पावन अवसर पर उत्तराखंड के हरिद्वार से जल लेकर लौट रहे लाखों कांवड़ियों की आस्था और सुरक्षा को लेकर प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद हो गया है। श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए कांवड़ यात्रा को लेकर उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में हाई अलर्ट घोषित किया गया है।
हरिद्वार से लेकर दिल्ली और यूपी के तमाम जिलों से गुजरने वाले कांवड़ मार्गों पर RAF, ATS, उत्तराखंड पुलिस और यूपी पुलिस के साथ-साथ अन्य सुरक्षा बलों की तैनाती कर दी गई है। यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए CCTV कैमरे, ड्रोन निगरानी और मेडिकल टीमों की विशेष व्यवस्था की गई है।
मेरठ में 18 संवेदनशील स्थलों को चिह्नित कर वहां ATS की विशेष टुकड़ी को तैनात किया गया है। काली पलटन, पुरा महादेव, भोला झाल जैसे प्रमुख शिवालयों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। यात्रा मार्गों पर लगातार निगरानी रखी जा रही है और किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर तुरंत कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।

हर शिवालय और सार्वजनिक स्थल पर सघन चेकिंग की जा रही है ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके। श्रद्धालुओं को किसी तरह की असुविधा न हो, इसके लिए प्रशासनिक अधिकारी, पुलिस बल, वॉलंटियर्स और स्थानीय समितियां मिलकर 24 घंटे सेवा में जुटे हैं।
जिलों के डीएम और एसएसपी स्वयं मैदान में निगरानी कर रहे हैं और सभी ज़रूरी संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है। कांवड़ियों के ठहरने, भोजन, प्राथमिक उपचार और जल सेवा के लिए सामुदायिक प्रयासों को भी प्रशासन का समर्थन मिल रहा है।

कांवड़ यात्रा न केवल श्रद्धा और विश्वास का प्रतीक है, बल्कि सामाजिक समरसता और प्रशासनिक समन्वय की भी मिसाल बन रही है। प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे यात्रा के दौरान नियमों का पालन करें, सहयोग बनाए रखें और किसी भी समस्या की स्थिति में नज़दीकी पुलिसकर्मी से संपर्क करें।
इस बार की यात्रा को सुरक्षित, सफल और व्यवस्थित बनाने के लिए सभी विभागों ने मिलकर कमर कस ली है। धार्मिक आस्था और प्रशासनिक सजगता के इस संगम से उम्मीद की जा रही है कि श्रावण की इस कांवड़ यात्रा में कोई व्यवधान नहीं आएगा और श्रद्धालु सकुशल जलाभिषेक कर सकेंगे।



