
नोएडा : सुपरटेक ट्विन टावर्स को रविवार, 28 अगस्त को 3,500 किलोग्राम से अधिक विस्फोटकों का उपयोग करके ध्वस्त कर दिया गया । लगभग 100 मीटर ऊंचे टावर नौ सेकंड के भीतर ताश के पत्तों की तरह गिर गए, एक बार विस्फोटकों के फटने से। नोएडा के अधिकारियों के लिए चुनौती विस्फोट से पैदा हुए मलबे के पहाड़ को साफ करने की है।
ट्विन टावर ध्वस्तीकरण के बाद पूरा नोएडा शहर धूल के गुब्बारे में डूब गया है। पूरे इलाके में धूल का गुब्बारा फैलता जा रहा है। अब इसको रोकने के लिए स्मॉग गन शुरू किए गए हैं। ठीक 2:30 बजे भ्रष्टाचार की इमारत को मिट्टी में मिला दिया गया। लोगों ने भ्रष्टाचार की इमारत टूटने पर ढोल-नगाड़ों से न्याय पर जीत पर जश्न मनाया है। करीब 5 किलोमीटर दायरे के बाद भारी संख्या में भीड़ इकट्ठा हुई है। काफी लोगों ने कैमरे में भ्रष्टाचार की इमारत को मिट्टी में मिलते हुए की वीडियो अपने कैमरे में कैद की है।
9 सेकंड में दोनों टावर ध्वस्त हुए
नोएडा की एमराल्ड कोर्ट हाउसिंग सोसायटी में सुपरटेक बिल्डर के ट्विन टावर बारूद के जरिए जमींदोज कर दिए गए। भ्रष्टाचार के ये रावण पिछले एक दशक से शहर की छाती पर खड़े हुए थे। इनका विनाश देखने के लिए ना केवल नोएडा बल्कि दूर-दराज से भीड़ मौके पर एकत्र हुई। नजारा बिल्कुल दशहरा के रावण दहन सरीखा था। करीब 6 महीनों से इन्हें ध्वस्त करने की तैयारियां चल रही थीं। आज दोपहर ठीक 2:30 बजे ब्लास्ट किया गया और बमुश्किल 9 सेकंड में दोनों टावर धूल के गुबार में तबदिल हो गए।
नोएडा के सुपरटेक ट्विन टावरों को क्यों तोड़ा गया?
सुपरटेक को 2005 में न्यू ओखला औद्योगिक विकास प्राधिकरण (नोएडा) द्वारा नौ मंजिलों के साथ 14 टावर, एक शॉपिंग कॉम्प्लेक्स और एक उद्यान क्षेत्र बनाने की मंजूरी दी गई थी। हालाँकि, इसने 2009 में अपनी परियोजना को संशोधित कर जुड़वां ऊँची इमारतों – एपेक्स और सेयेन को शामिल किया। भले ही नोएडा प्राधिकरण ने नई योजना को मंजूरी दे दी, एमराल्ड कोर्ट ओनर्स रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन (आरडब्ल्यूए) ने 2012 में इलाहाबाद उच्च न्यायालय में यह आरोप लगाया कि यह एक अवैध निर्माण था।