नवजात शिशु में होने वाली स्वास्थ्य जटिलताओं की समय पर पहचान कर इलाज विषय पर मेडिकल कॉलेज मेरठ के बाल रोग विभाग में तीन दिवसीय ट्रेनिग

मेरठ: मेडिकल कॉलेज के मीडिया प्रभारी डॉ वी डी पांडेय ने बताया कि ट्रेनिंग में विभिन्न जिलों से आए हुए 24 चिकित्सकों तथा स्टाफ नर्सों ने प्रतिभाग किया। इस प्रकार का प्रशिक्षण नवजात शिशु मृत्यु दर को घटाने के लिए सरकार द्वारा चलाई जा रही एक योजना है जिसमे बीमार पैदा होने वाले बच्चों तथा पैदा होने वाले शिशु जो रोग से ग्रसित हैं उनको समय रहते इलाज प्राप्त कराने से उनकी जान को खतरा ना बने और उनका स्वास्थ्य बेहतर रहे इसके लिए ही चिकित्सकों को एवं स्टाफ नर्सों को ट्रेनिंग दी जाती है।
डॉ आर सी गुप्ता प्रधानाचार्य लाला लाजपत राय स्मारक मेडिकल कॉलेज मेरठ ने कहा कि इस तरह के प्रशिक्षण उत्तर प्रदेश शासन के आदेश पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, जिला अस्पताल के बाल रोग विभाग में तैनात चिकित्सकों एवं नर्सिंग स्टाफ को प्रशिक्षित देने हेतु कराया जा रहा है जिससे वह सभी अपने चिकित्सालय में नवजात शिशु की देखभाल अच्छे से कर सकें तथा नवजात शिशु मृत्यु दर में कमी लाई जा सके।
विभाग अध्यक्ष बाल रोग विभाग डॉ नवरतन गुप्ता ने बताया कि प्रदेश में शिशु मृत्यु दर इस प्रकार के प्रशिक्षण से कम की जा सकती है। प्रशिक्षकों द्वारा विभिन्न सीएचसी एवम जिला अस्पताल पर भी बच्चों को उचित सुविधाएं दी जा सकती हैं। डॉ नवरत्न गुप्ता ने नवजात शिशु में होने वाली समस्याओं के लक्षण की पहचान पर अपना व्याख्यान दिया।


डॉ विकास अग्रवाल आचार्य बाल रोग विभाग ने नवजात शिशु में होने वाले रोग की पहचान, जांच एवं उपचार का प्रशिक्षण दिया तथा बाल सघन चिकित्सा केंद्र में शिशु देखभाल का प्रशिक्षण दिया।
डॉ अभिषेक सिंह आचार्य बाल रोग विभाग ने पोस्ट नेटल केयर, एनआईसीयू केयर पर प्रशिक्षण दिया तथा बताया कि इस प्रकार की ट्रेनिंग हमारे यहां समय-समय पर होती रहती है। विगत वर्ष भी तीन प्रशिक्षण सत्र इस चिकित्सा महाविद्यालय द्वारा सफलता पूर्वक संपन्न कराए गए हैं।
प्रशिक्षण में बाल रोग विभाग के जूनियर रेजिडेंट चिकित्सकों की भी प्रशंसनीय सहभागिता रही।
अग्रिम सप्ताह में इस तरह के और प्रशिक्षण सत्रों का आयोजन प्रस्तावित है जिसमें चिकित्सकों और स्टाफ नर्सेज के बैच को प्रशिक्षण दिया जाना है।