Ghaziabad

गाज़ियाबाद, आगरा और प्रयागराज में हुई पुलिस आयुक्तों की तैनाती, 16 IPS के तबादले

गाजियाबाद: नवगठित पुलिस कमिश्नरेट गाजियाबाद, आगरा व प्रयागराज में पुलिस आयुक्तों की तैनाती कर दी गई है। सोमवार देर रात हुई इस तैनाती से पुलिस महकमे में 16 आईपीएस अफसर इधर से उधर किए गए।

इसके तहत प्रतिनियुक्ति से वापस आए आईजी रैंक के अफसर अजय मिश्रा को गाजियाबाद, जेल विभाग में आईजी प्रीतिंदर सिंह को आगरा और बरेली रेंज के आईजी रमित शर्मा को प्रयागराज का पहला पुलिस आयुक्त बनाया गया है। वाराणसी व नोएडा के पुलिस आयुक्त हटाए भी गए हैं। वाराणसी में प्रतिनियुक्ति से लौटे एडीजी अशोक मुथा जैन को पुलिस आयुक्त बनाया गया है। लखनऊ रेंज की आईजी लक्ष्मी सिंह को नोएडा का पुलिस आयुक्त बनाया गया है। वाराणसी व नोएडा के पुलिस आयुक्त क्रमश: ए सतीश गणेश व आलोक सिंह को लखनऊ पुलिस मुख्यालय में तैनाती दी गई है। ये दोनों अफसर कमिश्नरी के गठन से ही अपने जिलों में तैनात थे। नव गठित पुलिस कमिश्नरेट में जल्द डीसीपी की तैनाती किए जाएंगे।

सचिव गृह तरुण गाबा लखनऊ रेंज के आईजी बनाए गए हैं। प्रयागराज रेंज के आईजी राकेश सिंह बरेली रेंज के आईजी बनाए गए हैं। चंद्र प्रकाश द्वितीय को प्रयागराज रेंज का डीआईजी बनाया गया है। वहीं, गाजियाबाद के एसएसपी मुनिराज जी को अयोध्या का एसएसपी बनाया गया है। अयोध्या के एसएसपी प्रशांत वर्मा को बहराइच का एसपी बनाया गया है। बहराइच के एसपी केशव चौधरी को अपर पुलिस आयुक्त, आगरा के पद पर भेजा गया है। प्रयागराज के एसएसपी शैलेंश पांडेय को मथुरा और मथुरा के एसएसपी अभिषेक यादव को अभिसूचना मुख्यालय भेजा गया है। आगरा के एसएसपी प्रभाकर चौधरी को 11वीं वाहिनी पीएसी सीतापुर में सेनानायक बनाया गया है।

उल्लेखनीय है कि उत्‍तर प्रदेश में पहले से लखनऊ, गौतमबुद्धनगर (नोएडा), कानपुर नगर और वाराणसी में पुलिस कमिश्नरी प्रणाली लागू है। राज्य के 75 जिलों में अब सात जिलों में पुलिस आयुक्तालय प्रणाली लागू हो जाएगी। जनवरी 2020 मे प्रदेश में सबसे पहले लखनऊ और गौतमबुद्धनगर (नोएडा) में यह व्‍यवस्‍था लागू हुई थी और इसके बाद मार्च 2021 में कानपुर नगर और वाराणसी में भी पुलिस कमिश्नरी प्रणाली की शुरुआत हुई। इससे जनपद की कानून व्यवस्था और विधि व्यवस्था की समीक्षा का कार्य तेजी से हो सकेगा। कानून व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए जिलों को कई जोन में बांटा जाएगा ।कमिश्नरेट प्रणाली लागू होने के बाद पुलिसिंग के रैंक में भी बदलाव हो जाएगा। थानों को लेकर सीओ की तैनाती के स्थान पर एसीपी की तैनाती की जाएगी। उनके अधिकार अधिक होंगे। इससे किसी भी केस के अनुसंधान में वे अपने स्तर पर निर्णय ले पाएंगे ।वहीं, कमिश्नरेट में तैनात होने वाले पुलिस कमिश्नर के अधिकार क्षेत्र में वृद्धि हो जाएगी। कमिश्नरेट क्षेत्र में अब पुलिस कमिश्नर के पास मजिस्ट्रेट की शक्तियां भी होंगी। लॉ एंड ऑर्डर संबंधी अधिकार अब कमिश्नर के पास होंगे।

पुलिस कमिश्नरेट केअफसरों को मिलेगा यह अधिकार
सीआरपीसी की धारा 20 की शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए पुलिस आयुक्त को कार्यकारी मजिस्ट्रेट के विधिक अधिकार दिए जाएंगे। धारा 21 के तहत संयुक्त पुलिस आयुक्त, अपर पुलिस आयुक्त, पुलिस उपायुक्त, अपर पुलिस उपायुक्त और सहायक पुलिस आयुक्त को विशेष कार्यकारी मजिस्ट्रेट के विधिक अधिकार दिए जाएंगे। धारा 58 के तहत शांति कायम रखने और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए कार्यकारी मजिस्ट्रेट के अधिकार दिए जाएंगे।

अन्य अधिनियमों में उत्तर प्रदेश गुंडा नियंत्रण अधिनियम, 1970, विष अधिनियम 1919, अनैतिक व्यापार निवारण अधिनियम 1956, पुलिस द्रोह, उत्पीड़न अधिनियम 1922, पशुओं के प्रति क्रूरता निवारण अधिनियम 1960, विस्फोटक अधिनियम 1884, कारागार अधिनियम 1894, सरकारी गोपनीयता अधिनियम 1923, विदेशी अधिनियम 1946, गैर कानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम 1967, भारतीय पुलिस अधिनियम 1861, उत्तर प्रदेश अग्निशमन सेवा अधिनियम 1944, उत्तर प्रदेश अग्नि निवारण एवं अग्नि सुरक्षा अधिनियम 2005 और उत्तर प्रदेश गिरोहबंद और समाज विरोधी क्रियाकलाप निवारण अधिनियम 1986 के विधिक अधिकार दिए जाएंगे।

Munish Kumar

Munish is a senior journalist with more than 18 years of experience. Freelance photo journalist with some leading newspapers, magazines, and news websites, has extensively contributing to The Times of India, Delhi Times, Wire, ANI, PTI, Nav Bharat Times & Business Byte and is now associated with Local Post as Editor

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