गाजियाबाद में वकील की चेंबर में गोली मारकर हत्या
गाजियाबाद: गाजियाबाद में बुधवार को चेंबर में घुसकर वकील की गोली मारकर हत्या कर दी गई। वारदात के वक्त वह अपने चैंबर में खाना खा रहे थे। तभी दो हमलावर आए। उन्होंने वकील की कनपटी पर गोली मारी और फरार हो गए, वकील की मौके पर ही मौत हो गई। पुलिस मौके पर जांच कर रही है।
शुरुआती जांच में मृतक वकील के साले पर हत्या का शक जा रहा है। बुधवार दोपहर करीब 2 बजे मनोज चौधरी चैंबर नंबर-95 में खाना खा रहे थे। उनके साथ तीन अन्य लोग भी बैठे थे। तभी 2 अज्ञात युवक चैंबर में घुस आए। जब तक कोई कुछ समझ पाता, उन्होंने मनोज चौधरी की कनपटी पर गोली मारी और भाग गए।वारदात के बाद चैंबर में बैठे लोग चीखते हुए बाहर की ओर भागे।
घटना का पता चलने पर एडिशनल पुलिस कमिश्नर दिनेश कुमार पी, डीसीपी निपुण अग्रवाल कई थानों की फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे। पुलिस ने जांच पड़ताल के बाद वकील का शव पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा है। वकीलों के हंगामे की आशंका के चलते कई थानों का फोर्स तहसील परिसर के आसपास तैनात कर दिया गया है। हत्या किस वजह से हुई, यह अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है।हालांकि शुरुआती जांच में पता चला है कि मनोज चौधरी का बहनोई से विवाद चल रहा था। वारदात के बाद से वह लापता है। इसलिए उसी पर वारदात का शक है। फिलहाल पुलिस टीमें उसको खोज रही हैं।
मनोज चौधरी तहसील बार एसोसिएशन का चुनाव भी लड़ चुके थे।सदर तहसील का चैंबर नंबर-95 मुनेश त्यागी का है। वह गांव दुहाई के रहने वाले हैं और बैनामा लेखक हैं इसी चैंबर में वकील मनोज चौधरी उर्फ मोनू बैठते थे। वारदात के चश्मदीद बैनामा लेखक मुनेश त्यागी हैं।मुनेश त्यागी ने बताया, दोपहर करीब डेढ़ बजे के आसपास मैं, अधिवक्ता मनोज चौधरी, मुंशी जितेंद्र और गौरव खाना खा रहे थे। इस दौरान दो नकाबपोश बदमाश चैंबर में घुस आए। उन्होंने मनोज चौधरी की कनपटी में गोली मार दी और पैदल ही भाग गए।
सदर तहसील बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक कुमार वर्मा ने बताया, हापुड़ वाले प्रकरण को लेकर आज सभी वकील हड़ताल पर चल रहे थे। इसी बीच हमारी मीटिंग चल रही थी। मीटिंग खत्म होते ही हमें गोली चलने की सूचना मिली। जब हम मौके पर आए तो चैंबर के अंदर कुर्सी पर वकील मनोज चौधरी का शव पड़ा हुआ था। ज्यादातर वकील उस घटना के वक्त मीटिंग में मौजूद थे।
डीसीपी निपुण अग्रवाल ने बताया, अधिवक्ता मनोज चौधरी की पत्नी कविता चौधरी ने इस संबंध में 5 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। इसमें मृतक के जीजा अमित डागर, उसके भाई नितिन डागर, पिता मदन, अनुज और पालू को अभियुक्त बनाया गया है।