मशहूर कवि कृष्ण मित्र का निधन, कई दिनों से बीमार थे
गाजियाबाद: ओजस्वी कवि कृष्ण मित्र का आज सुबह अस्पताल में निधन हो गया। वह काफी समय से बीमार थे और अस्पताल में भर्ती थे, जहां सुबह सुबह उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके निधन से साहित्य जगत में शोक की लहर दौड़ गई। उनके निधन की खबर सुनने के बाद साहित्यिक, राजनीतिक व अन्य क्षेत्र से जुड़े गणमान्य लोग उन्हें श्रद्धांजलि देने पहुंचे।
कभी लाल किले पर काव्य पाठ कर चुके कृष्ण मित्र जी ने दुनिया के कई देशों के कवि सम्मेलनों में शहर का नाम रोशन किया है। 91 वर्षीय कवि कृष्ण मित्र जी भारत पाक विभाजन के बाद 1946 में गाजियाबाद आ गए थे। उस समय यह शहर इतना विकसित नहीं था। कृष्ण मित्र जी शहर के तमाम उतार-चढ़ाव चढ़ाव ,उपलब्धियों के साक्षी रहे। उन्होंने अपनी किताब में शहर के अपने अनुभव के बारे में लिखा है कि जब वे शहर में आए थे तो उस समय गाजियाबाद चार दरवाजे दिल्ली गेट, सिहानी गेट, जवाहर गेट व डासना गेट में बसा हुआ था। उनके निधन से गाजियाबाद ही नहीं बल्कि देश भर में साहित्य के क्षेत्र को भारी क्षति पहुंची है। वह पिछले कई दिनों से अस्पताल में भर्ती थे सुबह उन्होंने अंतिम सांस ली।
दोपहर 3 बजे उनकी शव यात्रा फूलों से सजी गाड़ी में रखकर पूरे शहर से निकालकर हिंडन शमशान घाट पर ख़त्म हुई ओर पूरे सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया।