गाजियाबाद: क्राइम ब्रांच गाजियाबाद एवं थाना नन्दग्राम पुलिस द्वारा चार वर्षों से लापता चल रहे चन्द्रवीर उर्फ पप्पू की हत्या का ख़ुलासा, चन्द्रवीर की पत्नी को उसके प्रेमी सहित गिरफ्तार किया।
05.10.2018 को थाना सिहानी गेट पर भूरे सिंह निवासी सिकरोड़ थाना नन्दग्राम द्वारा अपने भाई चंद्रवीर सिंह उर्फ पप्पू (46) पुत्र श्री महेन्द्र सिंह के 28 सितम्बर की शाम 05:00 बजे से लापता होने के सम्बन्ध में सूचना दी । लापता चन्द्रवीर सिंह उर्फ पप्पू को बरामद करने के लिए तत्कालीन पुलिस / विवेचक ने काफी प्रयास किया परन्तु लापता चन्द्रवीर उर्फ पप्पू का कोई पता नहीं चला। जिस पर पुलिस द्वारा सुरागरसी जारी रखते हुए जांच समाप्त कर दी गयी थी। क्राइम ब्रांच ने उपरोक्त मुकदमे को चिन्हित कर उसके सम्बन्ध में कुछ महत्वपूर्ण तथ्य एकत्रित किये व उन पर सूक्ष्मता से कार्य किया। जिसमें क्राइम ब्रान्च जनपद गाजियाबाद व थाना नन्दग्राम की संयुक्त कार्यवाही में उपरोक्त 04 वर्षों से लापता चन्द्रवीर उर्फ पप्पू की सनसनीखेज हत्या का राजफास करते हुए घटना का ख़ुलासा किया। घटना में शामिल चन्द्रवीर उर्फ पप्पू की पत्नी व उसके प्रेमी को गिरफ्तार किया। जिनकी निशादेही पर मृतक चन्द्रवीर के शव को अभियुक्त अरुण उर्फ अनिल के मकान के अन्दर 06 फुट गढ्ढा खोदने के बाद बरामद किया ।
एस पी क्राइम दीक्षा शर्मा ने कहा की आरोपियों ने पूछताछ में बताया – आरोपी अरूण उर्फ अनिल व मृतक की पत्नी सविता ने बताया कि हम दोनों आपस में वर्ष 2017 से प्रेम करते थे। जिस बात की जानकारी धीरे-धीरे मृतक चन्द्रवीर उर्फ पप्पू व परिवार वालों को हो गयी थी। कई बार मृतक ने हमें आपत्तिजनक स्थिति में देखा था और मना किया किन्तु फिर भी हम छुपते-छुपाते आपस में एक-दूसरे से मिलते रहते थे। इसी बात को लेकर मृतक सविता को मारता-पीटता भी था। जब हमें लगा कि अब हमारे अवैध सम्बन्ध अब नहीं चल पायेंगे तो हम दोनों ने मिलकर प्लान बनाया कि चन्द्रवीर उर्फ पप्पू को ही । रास्ते से हटा दिया जाए, जिससे हमें कोई रुकावट न रहे। इसी प्लान के तहत अरूण ने पहले से ही लगभग 06 फिट का गड्ढा अपने मकान के बरामदे में खोद रखा था कि जैसे ही मौका मिलेगा, चन्द्रवीर उर्फ पप्पू को मारकर इस गड्ढे में दफना देंगे और किसी को पता भी नहीं चलेगा।
28.09.2018 की रात्रि में चन्द्रवीर उर्फ पप्पू जो अकसर शराब पीने का आदि था, शराब पीकर अपने घर आया और सो गया तो रात्रि में सविता ने अरूण को बुला लिया अरूण ने तमंचे से चारपाई पर लेटे हुए चन्द्रवीर के सिर में गोली मार दी जिससे उसकी मृत्यु हो गयी तथा चारपाई के नीचे सर की जगह पर एक प्लास्टिक की बाल्टी रख दी, जिसमें मृतक का खून गिरने लगा, जब खून गिरना बंद हुआ, तो अरूण, चन्द्रवीर की लाश को सविता की मदद से अपने घर में पहले से खोदे गये गड्ढे के पास ले गया। चन्द्रवीर उर्फ पप्पू ने अपने दाहिने हाथ में स्टील का कड़ा पहन रखा था जिसे निकालने का प्रयास किया किन्तु नहीं निकल पाया तो अरुण ने अपने घर में रखी कुल्हाड़ी से चन्द्रवीर का कलाई से ऊपर दाहिना हाथ काट दिया तथा शव को गड्ढे में डालकर ऊपर से मिट्टी डालकर दबा दिया और उसके ऊपर खड़ंजा बिछा दिया और पप्पू का कटा हुआ हाथ मैंने सिकरोड़ गांव के पास केमिकल फैक्ट्री के पास बोरे में लपेटकर फेंक दिया था और कुल्हाड़ी जिससे पप्पू का हाथ काटा था तथा तमंचा वहीं सविता के मकान में एक कमरा जो खंडहर पड़ा हुआ था उसमें ईट की रोडी के नीचे दबाकर रख दिया था। कुछ दिन बाद उस जगह पर दोबारा भराव करके वहां पक्का फर्श बना दिया था ।। जिससे कि इस जघन्य हत्या का राज कभी न खुल सके। घटना के बाद सविता ने प्रयास किया कि पप्पू के गायब होने में उसके भाई भूरा पर आरोप लगाये और फसाये इस शिकायत को लेकर बार-बार पुलिस व गांव के सम्मानित लोगों से भी इस बात की शिकायत करती थी। जिससे कि कोई उसके ऊपर किसी प्रकार का शक न करें।