घर बैठे जॉब के मैसेज के बाद सोशल ट्रेडिंग में इन्वेस्टमेंट के बाद दो बीटेक स्टूडेंट की मौत की गुत्थी हर दिन उलझती जा रही हैं
बीटेक स्टूडेंट्स की मौत में 15 दिन बाद भी ठोस कार्रवाई न होने से नाराज परिवार वालों ने निकाला कैंडल मार्च
पुलिस की जांच में सामने आया है कि इन रुपए को क्रिप्टोकरेंसी में बदलकर आगे भेजा जा रहा है
गाज़ियाबाद: क्रॉसिंग रिपब्लिक की सोसाइटी में आत्महत्या करने वाली स्टूडेंट साक्षी और हार्दिक के पास हांगकांग के नंबर से व्हाट्सएप पर मैसेज और काम करने की जानकारी आई थी, दूसरी तरफ इस मामले में दोनों परिवार वाले पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगा रहे हैं। वो आरोपियों को जल्द सजा दिलवाने की मांग कर रहे हैं दोनों स्टूडेंट के पेरेंट्स और लोगों ने रविवार को विजय नगर थाने तक कैंडल मार्च निकाला।
साक्षी की 1 नवंबर और उसके बाद 3 नवंबर को हार्दिक की मौत हुई थी। सीओ फर्स्ट अंशु जैन ने बताया कि अभी तक जांच में दोनों स्टूडेंट को साइबर ठगों द्वारा फसाने की बात सामने आई है। इसमें नंबर से लेकर आईपी चाइना के यूज़ हुए हैं। जांच में सामने आया है कि साक्षी को पहले एक सामान्य मैसेज घर बैठे काम कर रुपए कमाने का आया था, इसके बाद एक हांगकांग के नंबर से उसकी चैट हुई और बाद में उसे टेलीग्राम ग्रुप का लिंक भेजा गया। साक्षी ने सिर्फ 2 दिनों से 2 दिनों में ₹1 लाख 75 हज़ार ट्रांसफर किए थे, वही हार्दिक के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ। यह रुपए आने के बाद उसे फ़ौरन क्रिप्टोकरंसी में चाइना के कुछ वॉलट के माध्यम से बदलकर आगे दूसरे देशों में भेजा गया है। साइबर की टीम के साथ कुछ एक्सपर्ट की मदद भी ली जा रही है।
सीओ फर्स्ट अंशु जैन ने बताया कि इस मामले में पूर्व में सामने आए सभी केस की को चेक किया जा रहा है। इसके अलावा जिन कॉलेजों के स्टूडेंट्स के साथ घटना हुई है वहां जाकर स्टूडेंट से बात कर पता किया जा रहा है कि कहीं और कोई तो ट्रैप में नहीं फंसा है। हालांकि अभी और किसी स्टूडेंट के बारे में जानकारी नहीं मिली है, उन्होंने बताया कि कॉलेज और अन्य संस्थानों में जाकर जागरूकता फैलाएंगे।