
मेरठ: आज महर्षि विश्वामित्र की तपोस्थली मेरठ में भगवान श्री राम के जन्मोत्सव पर विश्व हिंदू परिषद मेरठ महानगर की प्रथम शोभायात्रा श्रीबालाजी मंदिर से महाआरती के उपरांत नगर यात्रा भ्रमण पर निकली।यात्रा को पूज्य संतों एवं विश्व हिंदू परिषद के क्षेत्र संगठन मंत्री सोहन सौलंकी ने भगवा पताका दिखाई।इस राम यात्रा में हज़ारो की संख्या में हिंदू समाज के लोग एकत्र हुए।अनेकों स्थानों पर यात्रा का स्वागत हिंदू समाज ने पुष्प वर्षा कर किया एवं यात्रा में सहभागिता की।शोभायात्रा बालाजी मंदिर से चलकर दीवान पब्लिक स्कूल ,डीबीएन पब्लिक स्कूल,सादर बाज़ार,आबूलेन,बेगमपुल होते हुए जीआईसी मैदान पहुँची।
इससे पूर्व सोहन सौलंकी ने अपने उद्बोधन में कहा मेरठ में पहली बार विश्व हिंदू परिषद की रामोत्सव शोभायात्रा निकली जा रही है। अगले वर्ष से पूरे प्रांत में प्रत्येक ज़िला केंद्र पर ये यात्राए निकाली जाएगी।इस बार का रामोत्सव बहुत ही विशेष है क्योंकि 500 वर्षों की कठिन तपस्या के बाद भगवान श्रीराम के मंदिर में मकर सक्रान्ति पर प्राण प्रतिष्ठा होने वाली है।रामजी का जन्म सज्जनों की रक्षा एवं धरती से दुष्टों के विनाश के लिए हुआ था उन्होंने भुजा उठा कर कहा था “निसिचर हीन करउँ महि भुज उठाइ पन कीन्ह”।आज भी अगर भारत में राम राज्य की स्थापना करनी है तो उसके लिये आज हिंदू समाज को भगवान राम की तरह पाँच संकल्प करने होंगे।

पहला संकल्प- जिस तरह भगवान श्रीराम ने अपना जीवन जिया उसी प्रकार के आचार विचार हमारे जीवन में भी होने चाहिए हमारे संस्कार भगवान श्री राम की भाँति हो जिससे ये समाज सदाचारी बने।
दूसरा संकल्प गाय माता की रक्षा आज जिस गाय को हमने माता माना है विधर्मी उसकी लगातार हत्याएँ कर रहे है हर रोज़ गाय माता के अवशेष हमे खेतों में मिलते है,हमे गाय की रक्षा के लिए संकल्प लेना होगा ।
तीसरा संकल्प –भगवान श्री राम ने माँ सीता के हरण पर रावण के पूरे कुल का अंत कर दिया था लेकिन आज हर दिन हजारो सीताओं का हरण विधर्मी करते है लेकिन हम मौन रहते है ।आज हमे संकल्प लेना है कोई विधर्मी हमारी बहन बेटियों की तरफ़ आंख उठा कर नहीं देख सके।
चौथा संकल्प-भगवान श्रीराम ने धरती को माँ के समान माना है उन्होंने कहा था “जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरियासी” उसी प्रकार हमे भी अपनी मातृभूमि का सम्मान करना चाहिए।
पाँचवा संकल्प- भगवान श्रीराम ने सामाजिक समरसता का सबसे बड़ा उदाहरण हम सबके सामने रखा था उन्होंने निषादराज,केवट एवं माता शबरी को गले लगाया था लेकिन आज पूरा समाज जातिगत भेदभाव ,छुआछूत में उलझा हुआ है।भारत माता के माथे पर लगे इस कलंक को मिटा कर हम सामाजिक समरसता लेकर आयेंगे।


इन संकल्पों के माध्यम से भारत में पुनः रामराज्य आएगा जिसके बाद एक नया गौरवशाली, शक्तिशाली,समृद्ध भारत पुनः विश्व का अगुआ बनेगा।संचालन निमेश वसिष्ठ ने किया मुख्य रूप से राजकुमार डूंगर,सुनील सिद्धू,अमित जिंदल,अवनीत बंसल,अनूप ,राजीव गर्ग उपस्थित रहे।
