जाने कब है मार्गशीर्ष अमावस्या, शुभ मुहूर्त और इसका महत्व

जिस तरह हिन्दू धर्म में कार्तिक अमावस्या का महत्व है ठीक उसी तरह ही मार्गशीर्ष माह में आने वाली अमावस्या का भी विशेष महत्व होता है। इस दिन स्नान, दान और तर्पण किया जाता है। ऐसा कहा जाता हैं कि इससे पितर प्रसन्न होते हैं और उनका आशीर्वाद मिलता है। बताया जाता हैं कि मार्गशीर्ष माह की अमावस्या तिथि के दिन श्राद्ध कर्म करने से मोक्ष के द्वारा खुलते हैं।
हिंदू पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि को अमावस्या कहते हैं और इस साल यह तिथि 23 नवंबर 2022, बुधवार को है। इस दिन पितरों को श्राद्ध कर्म करना फलदायी माना गया है। गौरतलब है कि अमावस्या तिथि 23 नवंबर को सुबह 6 बजकर 53 मिनट पर शुरू होगी और 24 नवंबर को सुबह 4 बजकर 26 मिनट पर समाप्त होगी। मार्गशीर्ष माह में स्नान और दान को विशेष महत्व दिया जाता है। ऐसा माना जाता है कि ऐसा करने से लोगों को पितरों का आशीर्वाद मिलता है और मोक्ष के रास्ते खुलते हैं। 23 नवंबर को स्नान और दान के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 5 बजकर 6 मिनट से लेकर सुबह 6 बजकर 52 मिनट तक रहेगा।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मार्गशीर्ष माह को भगवान कृष्ण का प्रिय महीना कहा जाता है। इस माह आने वाली अमावस्या का विशेष महत्व माना गया है। मान्यता है कि मार्गशीर्ष माह में आने वाली अमावस्या के दिन पितरों की मोक्ष प्राप्ति के लिए श्राद्ध किया जाता है। अमावस्या के दिन व्रत किया जाता है और जिसकी वजह से पितर प्रसन्न होते हैं। जब पितर प्रसन्न होते हैं तो घर में सुख-समृद्धि और खुशहाली का माहौल रहता है। अमावस्या के दिन पवित्र नदियों में स्नान करने की परंपरा है। साथ ही गरीबों व जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र और धन का दान करने से भी लाभ मिलता है।