योगी सरकार 2.0: छह महीने हुए पूरे, जाने कैसा रहा कार्यकाल

नोएडा : उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने अपने कार्यकाल के पहले छह महीने आज रविवार को पूरे कर लिए हैं। देश के सबसे बड़े प्रदेश के पिछले 37 साल के राजनितिक इतिहास में लगातार दो बार सरकार बना कर योगी आदित्यनाथ ने अपनी नेतृत्व की क्षमता का प्रदर्शन पहले ही कर दिया था। दूसरे कार्यकाल में उन्होंने मंत्रियों के असंतोष और अधिकारीयों के तबादले जैसी चुनौतियों को पार किया वहीँ पार्टी के एजेंडे पर भी लगातार काम करते रहे। साथ ही साथ प्रदेश की जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतरने की कोशिश भी लगातार जारी रखी।
बुलडोज़र अभियान जिसकी शुरुआत पहले कार्यकाल में हुई थी माफियाओं और अपराधियों में उसकी दहशत दूसरे कार्यकाल के शुरूआती छह महीने में और बढ़ गयी। ये सरकार की प्रभावी पैरवी का ही फल था की मुख्तार अंसारी जैसे माफिया को लगातार दो मामलो में सजा दिलवाई गई तो उपद्रवियों और दुष्कर्मियों के खिलाफ दो नए कानूनों के निर्माण का रास्ता साफ़ कर प्रदेश में अपराध पर अंकुश लगा कर कानून-व्यवस्था व भयमुक्त समाज के आश्वासन पर कोई समझौता न करने का भरोसा दिलाया। सिर्फ इतना ही नहीं आजमगढ़ और रामपुर उपचुनाव जीत कर 2024 लोकसभ चुनाव में भी रणनीतिक बढ़त हासिल करी गयी।
रोजगार की दिशा में भी कई सकारात्मक फैसले लिए गए तो बाढ़ और सूखे के वक़्त सीएम और सरकार की सक्रियता भी दिखाई दी। धार्मिक स्थलों पर लगे लाउडस्पीकरों को उतरवाकर और नोएडा के एक प्रकरण में श्रीकांत त्यागी को गिरफ्तार कर बिना भेदभाव के तत्काल कार्रवाई का संदेश दिया है।
ऐसा नहीं है की सरकार के सामने चुनौतियां नहीं आयी। कई चुनौतियां आए जैसे नौकरशाही के रवैये और पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठे तो मंत्रियों का असंतोष भी सामने आया। उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक का अपने ही विभाग के अपर मुख्य सचिव से सार्वजनिक हुए मतभेदों ने साख पर सवाल भी खड़े किए। मंत्री दिनेश खटीक के इस्तीफे ने भी मुश्किलें बढ़ाईं, मगर सरकार इन सबसे पार पाने में सफल हुई।