राजनगर एक्सटेंशन गाजियाबाद : बिल्डर के जाल में फंसे खरीदार, फ्लैटों पर लोन, जीडीए और बैंक अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध

गाजियाबाद : जिस प्राधिकरण पर नियम बनाने और उन को लागू करवाने की जिम्मेदारी होती है। जिस संस्था पर लोगों का भरोसा होता है कि वह उनकी हितों की रक्षा करेगी, वही अपने आंखों पर पट्टी बांधकर उन्हीं कर्मचारियों ने लोगों के 200 करोड़ रुपए से अधिक लुटवा दिए।
पुलिस ने जीडीए के अज्ञात कर्मचारियों पर मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। वही जीडीए अधिकारी इस बारे में बात करने से बच रहे हैं।

गाजियाबाद में एक बिल्डर के खिलाफ लगातार शिकायत पुलिस के पास पहुंच रही हैं। शिकायतों का आलम कितना है कि लगभग कुछ ही दिनों में 70 से अधिक शिकायत पुलिस ने दर्ज कर ली है। हम बात कर रहे हैं गाजियाबाद के राज नगर एक्सटेंशन में रेड एप्पल नाम की ग्रुप हाउसिंग की, जहां लोगों ने अपने खून पसीने की गाढ़ी कमाई से फ्लैट बुक कराये थे। पर बिल्डर उनकी इस गाड़ी कमाई पर डाका मारकर फरार हो गया । लोगों की शिकायतों के बाद पुलिस ने रेडप्पल सोसाइटी के कुछ प्रमोटर को गिरफ्तार कर जेल भी भेज दिया पर 680 से अधिक परिवार अपनी गाढ़ी कमाई और आशियाना का सपना खो चुके हैं।


गाजियाबाद के राजनगर एक्सटेंशन के पास मोरटा इलाके में मंजू जे होम्स बिल्डर ने रेड एप्पल के नाम से एक सोसाइटी लांच की । दरअसल मिली जानकारी के अनुसार इस सोसाइटी का नक्शा 7 मंजिल तक ही पास कराया गया था पर यहां 14 से लेकर 16 मंजिल तक फ्लैटों की बुकिंग स्वीकार कर ली गई । तस्वीरों में आप देख सकते हैं 12/13 मंजिलो तक की इमारत, कुछ टावर तक खड़ी भी कर ली गई । वही जीडीए के अधिकारी आंखों पर पट्टी बांध लोगों को लूटता देखते रहे। यही नहीं नक्शे समेत डेवलपमेंट चार्ज भी बिल्डर ने जमा नहीं किए और मिलीभगत से अपना काम धड़ल्ले से चलता रहा और नए नए लोगों की बुकिंग से पैसे बनाता रहा ।
यहां बुकिंग करा कर फंसे लोगों के अनुसार यहां कब्जे के बाद ईएमआई स्कीम के अंतर्गत लोन सुविधा उपलब्ध कराई जाती थी। बिल्डर की बैंक कर्मचारियों के साथ भी ऐसी सेटिंग थी कि मात्र 1 दिन में लोन अप्रूव हो जाता था यानी कस्टमर को बहुत ज्यादा सोचने का वक्त ही नहीं दिया जाता था। मात्र कुछ कागज देने पर ही पैसे बिल्डर के अकाउंट में ट्रांसफर कर दिए जाते थे।

अप पुलिस के पास लगातार शिकायत आने से पुलिस ने प्रमोटर्स के साथ-साथ जीडीए के कर्मचारी और एसबीआई डीएचएफएल बैंक को भी वादी बनाया है।
वहीं अब जांच गाजियाबाद की क्राइम टीम को सौंप दी गई है। गाजियाबाद पुलिस ने क्राइम टीम को अब तक 50 से अधिक केस दिए हैं और आ रहे नए केसों को भी क्राइम टीम के पास भेजा जा रहा है । क्राइम टीम अब इस बिल्डर के साथ शामिल जी डी ए कर्मी और बैंक कर्मियों की मिलीभगत की जांच कर रही है।
