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आरआरटीएस कॉरिडॉर : मेरठ में तीसरी टनल बोरिंग मशीन (सुदर्शन) द्वारा टनल निर्माण प्रारम्भ

मेरठ : आरआरटीएस कॉरिडॉर के निर्माण के लिए तीसरी टनल बोरिंग मशीन (सुदर्शन) द्वारा टनल के निर्माण का कार्य प्रारम्भ हो गया है। यह टनल बोरिंग मशीन नॉर्थ शाफ्ट, गांधी पार्क से बेगुमपुल तक के लगभग 700 मीटर सुरंग का निर्माण करेगी।

नॉर्थ शाफ्ट, गांधी पार्क से बेगमपुल की ओर समानान्तर 2 टनल बनाई जाएंगी, जिनमें से यह पहली टनल है जिसके लिए कार्य प्रारम्भ हुआ है। नॉर्थ शाफ्ट, गांधी पार्क पर करीब 17 मीटर की गहराई में टीबीएम लॉन्चिंग शाफ्ट बनाई गयी है जिसमे टीबीएम के विभिन्न पार्ट्स जैसे, कटर हेड, फ्रंट शील्ड, मिडिल शील्ड, टेल शील्ड, इरेक्टर, स्क्रू कंवेयर आदि को नीचे उतार कर अससेंबल किया गया है।

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आरआरटीएस नेटवर्क पर बनाई जा रही टनल का व्यास 6.5 मीटर होगा। भारत में मास ट्रांजिट प्रोजेक्ट में पहली बार 6.5 मीटर व्यास की टनल का निर्माण किया जा रहा है। नॉर्थ शाफ्ट से बेगमपुल तक टनल निर्माण पूरा होने के बाद टीबीएम को बेगमपुल में बनाई गई रिट्रीविंग शाफ्ट से बाहर निकाला जाएगा। इस टनल में यात्रियों की सुविधा के लिए लगभग 250 मीटर पर एक आपातकालीन क्रॉस पैसेज भी बनाया जाएगा। बेगमपुल स्टेशन से नॉर्थ शाफ्ट की ओर जाते हुए आरआरटीएस ट्रेनें रैम्प के जरिये एमईएस कॉलोनी स्टेशन पर एलिवेटेड हो जाएंगी।

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दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर पर मेरठ में भूमिगत स्टेशनों का निर्माण कार्य पहले ही शुरू हो चुका है। इन भूमिगत स्टेशनों को आपस में जोड़ने के लिए टनल बनाने का काम भैंसाली से मेरठ सेंट्रल की दिशा में तेजी से चल रहा है। आरआरटीएस ट्रेनों के आवागमन के लिए दो समानान्तर टनल आने और जाने के लिए बनाए जा रहे हैं।

दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर पर मेरठ में मेरठ सेंट्रल, भैंसाली और बेगमपुल तीन भूमिगत आरआरटीएस स्टेशन हैं। इन स्टेशनों को आपस में जोड़ने के लिए कुल तीन भागों में टनल बनेंगी, जिनमें पहली टनल भैंसाली से मेरठ सेंट्रल (2 किमी), दूसरी टनल भैंसाली से बेगमपुल (1 किमी) और तीसरी टनल नॉर्थ शाफ्ट से बेगमपुल (लगभग 700 मीटर) के बीच बनेगी। बेगमपुल और नॉर्थ शाफ्ट के बीच बनने वाली टनल मेरठ की सबसे छोटी टनल होगी। बेगमपुल स्टेशन से नॉर्थ शाफ्ट की ओर जाते हुए आरआरटीएस ट्रेनें रैम्प के जरिये एमईएस कॉलोनी स्टेशन पर एलिवेटेड हो जाएंगी।

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टीबीएम द्वारा टनल सैगमेंट्स की मदद से भूमि के भीतर टनल के रिंग बनाए जाते हैं। टनल रिंग बनाने के लिए आम तौर पर सात (7) टनल सेगमेंट्स का उपयोग किया जाता है। एनसीआरटीसी के कास्टिंग यार्ड में सुनिश्चित और गुणवत्ता नियंत्रण के साथ सुरंग सेगमेंट्स का निर्माण किया जा रहा है।

आरआरटीएस टनल में हवा का आवागमन सुनिश्चित करने के लिए वेंटिलेशन डक्ट भी बनाए जाएंगे और इसमें 60 सेमी-90 सेमी चौड़ा एक साइड वॉकवे भी होगा, जो रखरखाव गतिविधियों में सहायता प्रदान करेगा और एक अतिरिक्त आपातकालीन निकास के रूप में भी कार्य करेगा।

Munish Kumar

Munish is a senior journalist with more than 18 years of experience. Freelance photo journalist with some leading newspapers, magazines, and news websites, has extensively contributing to The Times of India, Delhi Times, Wire, ANI, PTI, Nav Bharat Times & Business Byte and is now associated with Local Post as Editor

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