यूपी में कोरोना के डर से अब भी रक्तदान करने नहीं पहुंच रहे लोग, इस जिले में 1000 यूनिट की जगह बचा मात्र 5 यूनिट खून

लखनऊ : कोविड टीकाकरण के बाद भले ही पूरे यूपी में कोरोना पर काफी हद तक काबू पा लिया गया हो लेकिन लोगों में इसे लेकर डर इस कदर समा गया है कि लोग ब्लड डोनेट करने से अब भी कतरा रहे हैं। इस कारण बहुत सी जगहों पर रक्तदान शिविरों का आयोजन तक नहीं हो पा रहा है। यूपी के बांदा जिले में तो हालात इस कदर पहुंच गए कि एक हजार यूनिट क्षमता वाले एक ब्लड बैंक में मात्र 5 यूनिट खून ही बचा है।
अस्पतालों के ब्लड बैंक खाली होने की वजह से मरीजों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। आंकड़ों की मानें तो 2019 में यहां रक्तदान करने वालों की संख्या जहां 1765 थी तो वहीं 2021 में यह घटकर 1419 रह गयी। बांदा ट्रॉमा सेंटर के डॉक्टर विनीत सचान ने बताया कि, कोरोना महामारी फैलने के बाद जिले में रक्त एकत्रित करने के लिए समय समय पर आयोजित होने वाले रक्तदान शिविरों का आयोजन पूरी तरह से बंद हो गया है। दूसरी ओर ब्लड बैंक में भी एक निश्चित अवधि तक ही रक्तकोष तोड़ कर रखा जा सकता है।
बांदा जिला अस्पताल ब्लड बैंक की स्टोरेज क्षमता एक हजार यूनिट की है जहां पहले हर समय कम से कम 100 यूनिट खून मौजूद रहता था। वहीं ब्लड डोनेशन न होने की वजह से यहां अब मात्र 5 यूनिट ही खून उपलब्ध रहता है। हालांकि कुछ प्राइवेट संस्थाएं रक्तदान शिविरों का आयोजन करवा रही हैं, लेकिन वहां भी बहुत सीमित संख्या में लोग पहुंच रहे हैं।
विश्व रक्तदाता दिवस के दिन महारानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पताल में एक निजी संस्था द्वारा आयोजित रक्तदान शिविर में जहां करीब 100 लोगों ने ब्लड डोनेशन का रजिस्ट्रेशन कराया वहीं सिर्फ 40 लोगों ने ही आकर अपना रक्तदान किया।
ऐसी नाजुक स्थिति में सबसे ज्यादा परेशानी गर्भवती महिलाओं को हो रही है जिन्हें समय रहते खून न मिल पाने की वजह से तमाम दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। साथ ही अन्य मरीजों में भी इसका असर देखने को मिल रहा है। ऐसा सिर्फ एकाध स्थानों में नहीं ज्यादातर सरकारी अस्पतालों के ब्लड बैंकों के लगभग यही हालात हैं।