
नोएडा : ग्रेटर नोएडा के एक प्राइवेट कॉलेज में पढ़ने वाले कुछ छात्रों ने रोबोट का ऐसा वर्जन तैयार किया है जो सेना के बहुत काम आ सकता है। रोबोट से सेना को सर्जिकल स्ट्राइक जैसी कार्रवाइयों को करने में बहुत मदद मिल सकती है। अल्ट्रासोनिक तकनीक से लैस होने के कारण यह आतंकवादियों की लोकेशन और संख्या की पूरी जानकारी सेना तक आसानी से पहुँचा सकता है।
जानकारी के मुताबिक, आईआईएमटी कॉलेज के तीन छात्रों ने लांग रेंज टेक्नोलॉजी पर आधारित रोबोट का एक ऐसा रोबोट तैयार किया है जो फिलहाल 10 किलोमीटर तक की दूरी में आराम से काम कर सकता है, बाद में इसकी रेंज को 40 किमी तक बढ़ाया जा सकता है। यह हर मौसम और किसी भी परिस्थिति या इलाके में काम कर दुश्मन की जानकारी आसानी से सेना तक ला सकता है।

रोबोट कार की तकनीक इतनी हाईटेक है कि इसे चलाने या ऑपरेट करने के लिए किसी प्रकार के इंटरनेट, वाईफाई या ब्लूटूथ की जरूरत नहीं पड़ती। कार के आकार वाले इस रोबोट को बनाने वाले छात्रों का कहना है कि इसकी मदद से दूर जंगल में छिपे या युद्ध के मैदान में आतंकवादी को आसानी से पहचाना जा सकता है। अल्ट्रासोनिक तकनीक से लैस यह रोबोट दुश्मनों और सैनिकों के बीच की सटीक दूरी की जानकारी दे सकता है। जिससे घात लगाए बैठे दुश्मनों की लोकेशन और सही संख्या पता लग सकती है।

इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्यूनिकेशन इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के छात्रों के साथ प्रोजेक्ट में मेंटर की भूमिका निभाने वाले प्रोफेसर एसके महाजन की मानें तो इस रोबोट प्रोटोटाइप को अब तक कई मंचों पर तारीफें मिल चुकी हैं और इसे महज 15 हजार रुपये में विकसित किया गया है।