रिश्वतखोरी में नप गयी मेरठ की महिला थानेदार और उनकी साथी दारोगा, थाने में मुकदमा दर्ज, विभागीय जांच शुरू

मेरठ : महिला थाना प्रभारी मोनिका जिंदल और सब इंस्पेक्टर रितु सस्पेंड। आरोपी से दुष्कर्म की धाराएं हटाने के लिए एक लाख रुपए लिए। SSP ने दोनों पर मुकदमे का आदेश दिया। मेरठ कोतवाली में तैनात एक होमगार्ड चंद रोज पहले एक लिखित शिकायत और एक वीडियो लेकर एसएसपी प्रभाकर चौधरी के पास पहुंचा था । होमगार्ड ने आरोप लगाया कि उसके एक रिश्तेदार से महिला थाना प्रभारी मोनिका जिंदल ने दहेज और बलात्कार के मामले में धारा 376 हटाने के बदले एक लाख रूपये की मांग की है । जब महिला थाने में यह डील चल रही थी तो यह होमगार्ड भी अपने रिश्तेदार के साथ वहां मौजूद था । होमगार्ड का रिश्तेदार सेना में जवान है । डील के दौरान होमगार्ड ने पूरी बातचीत की वीडियो बना ली थी ।

सरधना का निवासी एक सैनिक नागालैंड में तैनात है। उसकी भाभी का मायका कंकरखेड़ा में है । सैनिक की भाभी ने अपने ससुरालवालों के खिलाफ दहेज उत्पीड़न का मुकदमा दर्ज कराया था । इस मुकदमें में भाभी ने कथित बलात्कार के आरोप अपने सैनिक देवर पर लगाये थे । घटना के वक्त सैनिक नागालैंड में तैनात था । जब उसे केस के बारे में जानकारी हुई तो वह मेरठ आया और महिला थाना प्रभारी मोनिका जिंदल और केस की विवेचक दारोगा रितु काजला से मिला । उसने अपनी बेगुनाही के प्रमाण भी पुलिस अफसरों से सामने पेश किये लेकिन महिला थाना प्रभारी और विवेचक ने केस में से दुष्कर्म की धारा 376 हटाये जाने के बदले एक लाख रूपये मांगे । दोनो महिला अफसर इस मामले में बार-बार सैनिक के परिवार को थाने में तलब करके उनका उत्पीड़न भी कर रही थी ।
एसपी देहात केशव कुमार को इस मामले की जांच सौंपी गयी थी । एसपी देहात ने वीडियो के परीक्षण और मामले की तह तक जांच करने के बाद दोनो महिला अफसरों को भ्रष्टाचार का दोषी पाया और अपनी रिपोर्ट एसएसपी प्रभाकर चौधरी को सौंप दी । एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने उ0प्र0 अधीनस्थ श्रेणी के पुलिस अधिकारियों की (दण्ड़ एवं अपील) नियमावली-1991 के नियम 17(1)(क) के प्राविधानों के अन्तर्गत आरोपी महिला अफसरों के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की है । दोनो के खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी गयी और नियमानुसार केस दर्ज किये जाने के बाद कार्रवाई के आदेश जारी किये है ।