MeerutUncategorized
Trending

एनसीआरटीसी : मेरठ में एमईएस कॉलोनी के पास नॉर्थ शाफ्ट में टनल बोरिंग मशीन की असेम्ब्लिंग का कार्य प्रारम्भ

मेरठ : एनसीआरटीसी द्वारा मेरठ में एमईएस कॉलोनी के पास बनाए जा रहे नॉर्थ शाफ्ट में टनल बोरिंग मशीन की असेम्ब्लिंग का कार्य प्रारम्भ कर दिया गया है। इसके अंतर्गत इस मशीन के पार्ट्स को आपस में जोड़ कर उन्हे नॉर्थ शाफ्ट में फिक्स करना सुरू कर दिया गया है। एमईएस कॉलोनी के नजदीक इस नॉर्थ शाफ्ट से बेगमपुल स्टेशन की ओर लगभग 700 मीटर लंबा टनल बनाया जाएगा। यहाँ से दो टनल ट्रेनों के आने और जाने के लिए बेगुमपुल की दिशा में बनाए जाएंगे।

टनल बोरिंग मशीन एक विशालकाय मशीन होती है जिसकी लंबाई लगभग 90-100 मीटर तक होती है। सम्पूर्ण मशीन के कई छोटे छोटे खंड होते हैं जिनहे टनल लौंचिंग शाफ्ट में आपस में जोड़ा जाता है और एक बार असेम्ब्लिंग हो जाने के बाद टेस्टिंग होती है, फिर मशीन टनल बनाने का कार्य प्रारम्भ करती है।

टनल बोरिंग मशीन के लिए इस लॉन्चिंग शाफ्ट का निर्माण गाँधी पार्क के पास किया जा रहा है जिसके माध्यम से टनल बोरिंग मशीन को लॉन्च करने का कार्य किया जाएगा और इसका रिट्रिवल शाफ्ट बेगमपुल के पास बनाया जाएगा। यानि यह मशीन नॉर्थ शाफ्ट से कार्य करेगी और उसे बेगुमपुल में बाहर निकाला जाएगा।

एमईएस कॉलोनी मेट्रो स्टेशन के नजदीक इस लॉन्चिंग शाफ्ट से ही आरआरटीएस कॉरिडॉर भूमिगत से ऊपर एलेवतेड़ आएगा और और इसके लिए यहाँ पर एक रैम्प का निर्माण किया जाएगा। यह कॉरिडॉर बेगुमपुल भूमिगत स्टेशन की ओर से आ रहा है और आगे एमईएस कॉलोनी के एलेवतेड़ स्टेशन की ओर आगे चला जाता है।

112 40
113 31

बड़े रोलिंग स्टॉक और 180 किमी प्रति घंटे की उच्च डिजाइन गति के कारण देश में अन्य मेट्रो प्रणालियों की तुलना में आरआरटीएस की टनल को अधिक बड़ा बनाया गया है। यह 6.5 मी. व्यास की टनल ट्रेनों की गति अधिक होने के कारण यात्रियों को होने वाली असुविधा को कम करने में सहायता प्रदान करेगी। टीबीएम द्वारा टनल सैगमेंट्स की मदद से भूमि के भीतर टनल के रिंग बनाए जाते हैं। टनल रिंग बनाने के लिए आम तौर पर सात (7) टनल सेगमेंट्स का उपयोग किया जाता है। एनसीआरटीसी के कास्टिंग यार्ड में सुनिश्चित और गुणवत्ता नियंत्रण के साथ सुरंग सेगमेंट्स का निर्माण किया जा रहा है।

टीबीएम मशीन कई कलपुर्जों को जोड़कर तैयार की जाती है और सुरक्षा मानदंडों के तहत इसकी असेम्ब्लिंग की इस प्रक्रिया में समय लगता है। इस टीबीएम में कटर हेड, फ्रंट शील्ड, मिडिल शील्ड, टेल शील्ड, इरेक्टर, स्क्रू कंवेयर और कई अन्य महत्वपूर्ण भाग शामिल हैं।

114 25

आरआरटीएस के भूमिगत हिस्सों में ट्रेनों के आने-जाने के लिए अलग-अलग जुड़वां टनल का प्रावधान होगा। यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न सुरक्षा उपायों का प्रावधान है। किसी भी आपात स्थिति में यात्रियों की सुरक्षा के लिए भूमिगत हिस्सों में आपातकालीन निकास बनाए जाएंगे। इसमें लगभग हर 250 मीटर पर एक क्रॉस-पैसेज भी होगा। आरआरटीएस सुरंगों में हवा का आवागमन सुनिश्चित करने के लिए वेंटिलेशन डक्ट भी बनाए जाएंगे और इसमें 60 सेमी-90 सेमी चौड़ा एक साइड वॉकवे भी होगा जो रखरखाव गतिविधियों में सहायता प्रदान करेगा और एक अतिरिक्त आपातकालीन निकास के रूप में भी कार्य करेगा।

Munish Kumar

Munish is a senior journalist with more than 18 years of experience. Freelance photo journalist with some leading newspapers, magazines, and news websites, has extensively contributing to The Times of India, Delhi Times, Wire, ANI, PTI, Nav Bharat Times & Business Byte and is now associated with Local Post as Editor

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

Back to top button