
राजस्थान विद्यापीठ विश्वविद्यालय उदयपुर में बड़ोत के अमित राय जैन ने दिया व्याख्यान
विरासत का संरक्षण मानव जीवन की रक्षा जैसा – अमित राय जैन
जयपुर : जनार्दन राय नागर राजस्थान विद्यापीठ विश्वविद्यालय, उदयपुर” में ”राष्ट्रीय शिक्षा नीति एवं विरासत” विषय पर आयोजित संगोष्ठी में मुख्य वक्ता के रूप में शहजाद राय शोध संस्थान बड़ोत के निदेशक डॉ अमित राय जैन ने संबोधित करते हुए कहा कि विरासत का संरक्षण मानव जीवन की रक्षा के जैसा है! अगर हमने अपने देश की इतिहास प्राचीन परंपराओं एवं शिक्षा पद्धति का संरक्षण संवर्धन नहीं किया तो राष्ट्र बिना आत्मा के शरीर जैसा हो जाएगा! राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में अनेकों ऐसे प्रावधान किए गए हैं! जिनके माध्यम से प्राचीन पांडुलिपियों आयुर्वेदिक पद्धतियों एवं अन्य लुप्त प्राय भाषा एवं विधियों के संरक्षण संवर्धन पर बल दिया गया है! यह नीति जिस समय समग्र रूप में देश के सामने प्रस्तुत होगी उस समय तक देश की आने वाली एक नई पीढ़ी देश के प्रखर और ऐतिहासिक इतिहास की जानकारी प्राप्त कर रही होगी!



पिछले दशकों में भारत की प्राचीन ऐतिहासिक जानकारियों से छात्रों एवं अनुसंधानकर्ताओं को जानबूझकर दूर रखा गया! परंतु वर्तमान शिक्षा नीति इस और आवश्यक कदम उठा रही है! राजस्थान विद्यापीठ विश्वविद्यालय उदयपुर के कुलपति प्रोफेसर शिव सिंह सारंगदेवोत ने संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए कहा कि भारत की शिक्षा पद्धति एक परंपरा का परिणाम है वर्तमान केंद्र सरकार प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत की प्राचीन परंपरा और शिक्षा दोबारा से विश्व के सामने अपने सही स्वरूप में आ रही है राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत अनेकों ऐसे प्रावधान है, जिनसे भारत की प्राचीन विरासत का संरक्षण और संवर्धन किया जाएगा! राजस्थान विद्यापीठ विश्वविद्यालय उदयपुर, शहजाद राय शोध संस्थान बड़ोत के साथ मिलकर एक मंच पर इस शिक्षा नीति के माध्यम से इतिहास और पुरातत्व के क्षेत्र में आगे बढ़ेंगे!

उदयपुर से लौटकर इतिहासकार डॉ अमित राय जैन ने बताया कि राजस्थान विद्यापीठ विश्वविद्यालय उदयपुर करीब 80 वर्षों से इतिहास एवं पुरातत्व के क्षेत्र में काम कर रहा है और वहां के संग्रहालय में पुरातात्विक उत्खनन किए जाने के कारण बहुत सारा पूरासामग्री का भंडार है जो कि समग्र रूप में प्रदर्शित नहीं किया जा सका है! इसके लिए कुलपति श्री शिव सिंह सारंगदेवोत से विस्तृत चर्चा की गई है! आने वाले समय में दोनों संस्थानों का एक संयुक्त साझा कार्यक्रम करार के माध्यम से लागू किया जाएगा!
संगोष्ठी के दौरान प्रख्यात सामाजिक संस्था शांतिपीठ उदयपुर के संस्थापक अध्यक्ष श्री अनंत गणेश त्रिवेदी जी, भारतीय इतिहास संकलन योजना के प्रांत संगठन सचिव श्री छगन राज बोहरा जी, साहित्य संस्थान (इंस्टीट्यूट ऑफ राजस्थान स्टडीज) के डायरेक्टर प्रोफेसर जीवन सिंह खड़कवाल जी सहित विश्वविद्यालय के सभी विभाग अध्यक्षों सहित शोधछात्रों की भी गौरपूर्ण उपस्थिति रही!