
पिता ने असम पुलिस पर लगाया फर्जी मुठभेङ का आरोप
अकबर बंजार के आतंकवादी संगठनो से जुङे थे तार
मेरठ : पूर्वी असम में मारे गये अंतरराष्ट्रीय गोतस्कर अकबर बंजार और उसके भाई सलमान का शव गुरूवार की तङके असम से मेरठ के फलवादा गांव लाया गया। भारी सुरक्षा के बीच उनके शवों को सुर्पुद-ए-खाक कर दिया गया। उनके पिता ने अपने बेटो को बेकसूर बताते हुए आरोप लगाया कि रसूखदारों ने साजिश कर पुलिस से उनके बेटों का एनकाउंटर कराया है।
अकबर बंजारा पर असम पुलिस ने दो लाख रूपये का ईनाम घोषित किया था। आरोप था कि अकबर देश के कई राज्यो से गोमांस बाग्लादेश भेजा करता था। कुछ दिन पहले मेरठ पुलिस ने अकबर बंजार और उसके भाई सलमान को उनके गांव फलावदा से गिरफतर कर जेल भेज दिया था। बाद में असम पुलिस उन्हे बी- वारंट पर अपने साथ ले गई थी। बताया गया कि असम पुलिस दोनों भाइयों को रिमांड पर लेकर गोमांस की तस्करी के लिए इस्तेमाल होने वाला असम बार्डर का रास्ता देखने के लिए अपने साथ ले गई थी। उसी दौरान बंजारा गैंग से जुड़े उग्रवादी संगठन के सदस्यों ने हमला कर दोनों भाइयों को छुड़ाने का प्रयाास किया था। जिसमें दोनों भाई ढेर हो गए थे।
सूचना पर स्वजन शव लेने के लिए असम रवाना हो गए । गुरुवार सुबह लगभग तीन बजे परिजन शव लेकर फलावदा पहुंचे। परिजनो ने पुलिस पर फर्जी मुठभेड़ में मारने का आरोप लगाकर हंगामा करने का प्रयास किया, लेकिन भारी सुरक्षाबलों की मोजूदगी के करण सफल नहीं हो पाये। इसके बाद सुरक्षाबलों की देखरेख में दोनो भाईयो के शवों को सुर्पुदे-ए-खाक कर दिया गया। गांव में तनाव को देखते हुए अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात कर दिया गया है। अधिकारी हर गतिविधी पर नजर रखे हुए है। पुलिस सूत्रो के अनुसार अकबर बंजार के तार आतंकवादी संगठनो से भी जुङे थे। गोमांस की तस्करी से कमाये गये पैसे का कुछ हिस्सा आतंकी संगठनो तक पहुंचता था। मामले की जांच की जा रही है।