
मेरठ : किठौर थाना क्षेत्र के भगवानपुर बांगर गांव में खेत में काम कर रहे एक किसान को तेंदुए का शावक मिला। जानकारी मिलने पर वन विभाग की टीम ने शावक को अपनी कस्टडी में ले लिया है। डीएफओ राजेश कुमार के निर्देशन में वन विभाग की टीम ने जंगल में छुपी मादा तेंदुए को भी लोकेट कर लिया है। अब विभाग शावक को उसके मां से मिलाने की तैयारी कर रहा है।
बताया गया कि किठौर थाना क्षेत्र के गांव भगवानपुर बांगर में शनिवार की शाम एक किसान खेत में काम कर रहा था। उसी समय उसे तेंदुए के शावक का बच्चा दिखाई दिया। किसान शावक को उठा कर अपने घर ले आया। इस बात का पता लगने पर गांववालों का उसके घर पर तांता लग गया। सूचना पर वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और उसने तेंदुए के शावक को अपने कब्जे में ले लिया। डीएफओ राजेश कुमार ने बताया कि तेंदुए का शावक मादा है और उसकी उम्र करीब एक माह की है। उसकी पूरी देखभाल की जा रही है। उसे दूध पिलाया गया है। डीएफओ ने बताया कि जिस जगह शावक मिला था, उसके आसपास मादा तेंदुए के पंजे के निशान मिलने पर हमने उसकी खोज शुरू की। डीएफओ राजेश कुमार ने स्वयं मौके पर पहुंच कर अपनी टीम की मदद से मादा तेंदए के छिपे हुए स्थान का खोज निकाला है। मादा तेंदुए के छुपने के स्थान तक भीङ न पहुंचे इसके लिए उसकी जानकारी अभी गोपनीय रखी जा रही है। गांववालो के साथ बैठक कर वन विभाग ने उनसे इसमें मदद मांगी है। जिससे जब शावक को उसकी मां से मिलाने के समय वहां शोर-शराब न हो।

शावक का उसकी मां से मिलना है चुनौती :
डीएफओ ने बताया कि कैट प्रजाति के एनिमल हयूमन इंप्रींटिंग होने के बाद अपने साथी को स्वीकार नहीं करते है। शावक में हयूमन इंप्रीटींग हो चुकी है। इसलिए उसकी मां उसे एक्सेपट कर ले इसके लिए कई वन्य जीव विशेषज्ञों से भी बात की गई है। हयूमन इंप्रीटिंग के प्रभाव को खत्म करने के लिए शावक के यूरिन और पोटी को इस्तेमाल में लाया जाएगा। इससे संभावना है कि मादा तेंदुआ अपने शावक को एक्सेपट कर ले। डीएफओ ने बताया कि इस तरह के प्रयोग पहले भी सफल हो चुके हैं।

बच्चे के लिए आक्रमण कर सकती है मां :
डीएफओ का कहना है कि शावक के अलग होने से मां आक्रामक हो सकती है। इसलिए प्रयास किए जा रहे है कि मां और शावक को मिलाने के समय विन विभाग के एक्सपर्ट के अलावा वहां कोई और न पहुंच पाये।