
मेरठ : चैत्र शुक्ल प्रतिपदा नवसंवत 2079 की प्रथम प्रभात को भगवा ध्वजआओ एवं वेद मंत्रों से गुंजायमान वातावरण एक अविस्मरणीय दृश्य के रूप में सभी को आकर्षित कर रहा होगा तथा आमंत्रण दे रहा होगा सभी महानगर वासियों को अपनी सांस्कृतिक पहचान को अक्षुण्ण रखते हुए जीवन में प्रसन्नता पूर्वक आगे बढ़ने का ।
कार्यक्रम के मुख्य संयोजक राजेश सेठी ने बताया कि गुरुकुल प्रभात आश्रम द्वारा नव संवत 2079 के शुभ आगमन स्वागत करने हेतु जिमखाना मैदान में 521 कुंडीय जनचेतना महायज्ञ की तैयारी का कार्य पूर्ण उत्साह से चल रहा है । यज्ञ को हमारे धर्म शास्त्रों में सर्वश्रेष्ठ कर्म बताया गया है । अतः यदि नववर्ष का आरंभ यज्ञ से किया जाए तो निश्चित रूप से जीवन में सुख एवं आनंद का संचार करेगा । यह जानकारी देते हुए कार्यक्रम के मुख्य संयोजक राजेश सेठी ने कहा इस महायज्ञ का वृहत व गुरुकुल प्रभात आश्रम के कुलाधिपति संत स्वामी विवेकानंद सरस्वती करेंगे । इस महायज्ञ द्वारा जहां योग मानो को मानसिक एवं आध्यात्मिक उत्थान का अवसर प्राप्त होगा, वही वायुमंडल एवं पर्यावरण की शुद्धि भी होगी । पंडाल में लगे महापुरुषों एवं क्रांतिकारियों के चित्र एवं वैदिक सुखिया राष्ट्रप्रेम एवं अपनी संस्कृति की महानता कर संदेश देंगी ।



कार्यक्रम के व्यवस्था प्रमुख श्री राजेश सेठी ने यह भी कहा कि जनचेतना महायज्ञ को सफल बनाने हेतु मेरठ महानगर के सभी धार्मिक एवं सामाजिक संगठन प्रमुख भूमिका निभाएंगे। इस हेतु मेरठ जनपद के ग्रामीण अंचलों एवं कस्बों में भी प्रचार एवं जन जागरण का कार्य चल रहा है । बड़ी संख्या में देहात क्षेत्र से भी इस यज्ञ में यज्ञ मान भाग लेकर पुण्य लाभ प्राप्त करेंगे । आयोजन के व्यवस्था में आर्य समाज के साथ विश्व हिंदू परिषद, पंजाबी आर्यव्रत सभा, हिंदू जागरण मंच, भारत स्वाभिमान संगठन, शांतिकुंज भी इस कार्यक्रम को सफल बनाने में पूर्ण मनोयोग से कार्य कर रहे हैं । युवा पीढ़ी को अपनी यज्ञ परंपरा से जोड़ने के लिए विभिन्न विद्यालयों एवं गुरुकुल ओं के छात्र एवं ब्रह्मचारी यज्ञ में सम्मिलित होंगे ।



कार्यक्रम के प्रभारी श्री अशोक सुधाकर ने बताया कि क्षेत्र शुक्ल प्रतिपदा का दिन भारतीय संस्कृति में अत्यंत महत्वपूर्ण दिन है । यह सृष्टि का प्रथम दिवस है । इसे दिन मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम का राज्याभिषेक हुआ था तथा आज ही के दिन नवजागरण के पुरोधा महर्षि स्वामी दयानंद ने वैदिक धर्म एवं भारतीय संस्कृति की रक्षा हेतु आर्य समाज की स्थापना की थी । कार्यक्रम के समन्वयक श्री विक्रम शास्त्री ने आज हिंदू समाज को जगाने की आवश्यकता अनुभव करते हुए ही गुरुकुल प्रभात आश्रम पिछले 27 वर्षों से चेतना महायज्ञ का यह कार्यक्रम कर रहा है । हम सबकी यह द्वंद मान्यता है कि मूल भारतीय संस्कृति से जुड़े बिना धर्म के प्रति आस्था एवं अनुराग नहीं हो सकता । अतः हम सबको पाश्चात्य संस्कृति का अंधानुकरण ना करते हुए अपनी संस्कृति एवं सभ्यता को अपनाना चाहिए ।
संवाददाता सम्मेलन में श्री चंद्रकांत, योगेश कुमार, आचार्य वाचस्पति, अरुण जिंदल, विनोद चौधरी, भानु बत्रा, सुशील बंसल, मनीष शर्मा, सुनील आर्य, देवेंद्र प्रताप तोमर, शील चंद गोयल, दिनेश कक्कड़ आदि भी उपस्थित रहे ।
