
मेरठ : पूर्व मंत्री हाजी याकूब कुरैशी की मीट फैक्ट्री में छापा मारकर पुलिस- प्रशासन ने अवैध रूप से प्रोसेसिंग व पैकेजिंग किया जा रहा 2471 क्विंटल मीट बरामद किया है। इस फैक्ट्री को वर्ष 2019 में एमडीए ने सील कर दिया था। छापे के दौरान पुलिस ने मौके से 10 लोगो को गिरफतार किया है। हाजी याकूब, उनकी पत्नी और दो बेटों समेत 14 लोगो के खिलाफ पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है। फैक्ट्री के फ्रीजर पर सील लगा दी गई है। बरामद मीट का मूल्य करोङो रूपये बताया जा रहा है। पुलिस आरोपियों पर गैंगस्टर लगाने की तैयारी कर रही है।
बसपा सरकार में मंत्री रहे याकूब कुरैशी की हापुङ रोड पर अल-फहीम मीटैक्स प्राइवेट लिमिटेड नाम से मीट फैक्ट्री है। एमडीए ने इस फैक्ट्री को वर्ष 2019 में स्वामित्व विवाद को लेकर सील कर दिया था। फैक्ट्री में अवैध कटान की सूचना मिलने पर तङके पुलिस और प्रशासन के अधिकारी बङी संख्या में फोर्स लेकर वहां पहुंचे। उनके साथ पशुपालन विभाग, खाद्य विभाग, उर्जा विभाग,राजस्व, नगर निगम, एमडीए,बाटमाप आदि विभागो की टीमें भी थी। देर रात तक पैक्ट्री में कार्रवाई चलती रही।
एसडीएम सदर संदीप भागिया के अनुसार फैक्ट्री से 2471 क्विंटल मीट बरामद किया गया है। जिसमें प्रोसेस्ड मीट पैकेटस में करीब 2,40,438.8 किलोग्राम व कटा हुआ करीब 6720 किलोग्राम कच्चा मीट है। जांच में पाया गया कि बिना लाइसेंस के अवैध रूप से मीट की प्रोसेसिंग और पैकेजिंग की जा रही थी। पुलिस ने मौके से दस लोगो को गिरफतार किया है। गिरफतार अभियुक्त के नाम जमील,गजेन्द्र,फिरोज,रहीश,साकिब,सुलतान,शाहनवाज, मंजूर आलम, मुफीद हुसैन और इलियास अहमद खान हैं। इनमें से पांच फैक्ट्री के सुरक्षाकर्मी हैँ और पांच मजदूर हैं।

एमडीए की टीम ने फैक्ट्री के फ्रीजर को सील कर दिया है। बताया जा रहा है कि बरामद मीट की कीमत करोङो में है। सील लगने के बावजूद बिना लाइसेंस के इतनी बङी मात्रा में फैक्ट्री से मीट की बरामदगी को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं। अधिकारियों का कहना है कि संबंधित विभाग की टीमें अभी जांच कर रही हैं।
एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने बताया कि फैक्ट्री के संचालक पूर्व मंत्री, उनकी पत्नी और दो बेटे इमरान व फिरोज समेत 14 लोगो के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। इनमें फैक्ट्री से पकङे गये दस लोग भी शामिल हैं। अवैध कारोबार करने को लेकर आरोपितों के खिलाफ गैंगस्टर की कार्रवाई भी की जाएगी। वहीं, अल फहीम मीटैक्स प्राइवेट लिमिटेड के एमडी व पूर्व मंत्री हाजी याकूब के बेटे इमरान याकूब का कहना है कि करीब तीन साल पहले जब फैक्टरी में सील लगाई थी, उस समय वहां काफी मात्रा में मीट था। जिसमें से बङी मात्रा में एमडीए की परमिशन से बेच दिया गया। कोरोना के चलते बाकी माल फैक्टरी में ही रखा रह गया था। इमरान का यह भी कहना है कि उसकी मां का कंपनी से कोई लेनादेना नहीं है, इसलिए उनका नाम एफआईआर लिखाना गलत है ।