प्रियंका गांधी बोलीं, चुनावों के चलते सरकार ने कृषि कानूनों को लिया वापस

कांग्रेस पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने सेंट्रल गवर्नमेंट पर निशाना साधते हुए शुक्रवार को कहा कि पांच प्रदेशों के विधानसभा चुनावों के कारण तीनों कृषि कानूनों को वापस लिया गया। उन्होंने यूपी में एक डिजिटल जनसभा को संबोधित करते हुए यह इल्जाम भी लगाया कि नरेन्द्र मोदी सरकार अपने कॉर्पोरेट मित्रों के लिए कार्य कर रही है। कांग्रेस पार्टी की यूपी प्रभारी ने जाति और धर्म की राजनीति करने के लिए भाजपा, सपा और बसपा को भी निशाने पर लिया।
प्रियंका गांधी ने कहा कि आज यूपी के किसान बिजली के अत्यधिक बिल, उर्वरक की कमी, फसलों की उचित मूल्य नहीं मिलने और आवारा पशुओं की परेशानीओं का सामना कर रहे हैं। उनका कहना था, आज किसानों की सबसे बड़ी समस्या आवारा पशु की है। पहली बार इस चुनाव में ये आवारा पशु की बात कर रहे हैं। हमने लिखकर भी भेजा, लेकिन हमारी बात नहीं सुनी।हमने छत्तीसगढ़ में 2 रुपये प्रति किलोग्राम की रेट से गोबर खरीदना शुरू किया और लोगों ने जानवर आवारा छोड़ना बंद कर दिया। प्रियंका गांधी ने कहा, नेता का धर्म होता है, जनता की सेवा करना. ये सारे नेता ये धर्म भूल चुके हैं। जब आप पर संकट आया तब ये सब बाहर ही नहीं निकले, न आपसे पूछा कि आप कैसे हैं। जो आपके सामने जाति-धर्म की बातें करते हैं, आपको आपस में लड़ाने की बातें करते हैं, इससे आपका फायदा नहीं है। इससे उनका फायदा है। आप सबका परिवार है, आप बताइए कि क्या परिवार का मुखिया भाई-भाई को आपस में लड़ाता है? आपस में लड़ेंगे तो विकास कैसे होगा?
उन्होंने इल्जाम लगाया, जिन पूंजीपतियों को सारी संपत्ति बेची जा रही है, वे रोजगार का सृजन नहीं करते। रोजगार बनते हैं पीएसयू से और छोटे छोटे उद्योगों से। सारी कंपनियां दो लोगों को बेची जा रही हैं, और जो बची हैं, वे भी उन्हीं को बेचने की योजना है। प्रियंका गांधी ने कहा कि सेंट्रल गवर्नमेंट ने विधानसभा चुनावों के कारण तीनों कृषि कानूनों को वापस लिया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने हाल ही में दावा किया कि यूपी में हजारों लोग लखपति बन गए, लेकिन जब वह प्रदेश में घूमीं तो पता चला कि बहुत अधिक लोग गरीबी की गिरफ्त में चले गए हैं।