मेरठ का ऐतिहासिक नौचंदी मैदान – बना तबेला

मेरठ का यह वह ग्राउंड है जहां पर ऐतिहासिक मेला नौचंदी लगता है । यहां पर महापुरुषों की प्रतिमाओं के चारों तरफ या तो गंदगी ,कूड़ा, नाली का पानी दिखाई देगा या फिर तबेले में तब्दील हो गया यह नौचंदी ग्राउंड। नौचंदी ग्राउंड को लेकर अधिकारी गंभीर नहीं दिख रहे।नगर निगम की इस जमीन का फायदा उठा रहे हैं यहां के डेयरी संचालक।



नौचंदी मेला कभी पश्चिमी उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा ऐतिहासिक मेला हुआ करता था। यह मेला होली के बाद आने वाले दूसरे रविवार से शुरू होता है। इसमें मेरठ जनपद के ही नहीं बल्कि आसपास के जनपदों के लोग भी मेला देखने आते थे। लेकिन संचार क्रांति के बढ़ने के साथ ही मेलों की तरफ जहां जनता का रुझान कम होने लगा वहीं नौचंदी मेला भी राजनीति और उदासीनता की भेंट चढ़ता गया। नौचंदी ग्राउंड को लेकर अधिकारी गंभीर नहीं दिख रहे, सफाई में नगर निगम लापरवाह बना हुआ है। परिसर अभी भैंसों का तबेला बना हुआ है। परिसर में बनी पक्की दुकानों में जहां भैंसें बंधी हुई हैं, वहीं मैदान में गोबर और कूड़े के ढेर लगे हुए हैं। इसके अलावा पूरा मैदान उबड़ खाबड़ होने के साथ कई जगह कीचड़ भी जमा है।
