पोलैंड के शोधार्थी पहुंचे बड़ोत के शहजाद राय शोध संस्थान !

बड़ौत स्थित शहजाद राय शोध संस्थान में पोलैंड के शोधार्थी डॉ. फिलिप, दिल्ली कॉलेज ऑफ आर्ट के प्राध्यापक डॉ महेंद्रनाथ पांडे के साथ दुर्लभ प्राकृत भाषा की पांडुलिपिया देखने के लिए पहुंचे! संस्थान के निदेशक डॉ अमित राय जैन ने उन्हें संस्थान में संग्रहित दुर्लभ एवं प्राचीन पांडुलिपियों की जानकारी प्रदान की! विस्तृत विचार विमर्श के उपरांत प्राकृत भाषा की पांडुलिपियों का पोलिश भाषा में अनुवाद कर पोलैंड विश्वविद्यालय द्वारा उन्हें प्रकाशित करने की कार्य योजना तैयार कर त्वरित प्रभाव से कार्य प्रारंभ किया गया!

इस संबंध में जानकारी देते हुए इतिहासकार डॉ. अमित राय जैन ने बताया कि पोलैंड के फिलिप सन 2019 में भी अपने अन्य प्राध्यापकों के साथ हमारे संस्थान में आ चुके हैं, उस समय भी महाभारत पर चल रहे शोध कार्य के संबंध में उन्होंने यहां संग्रहित आंकड़े जुटाए थे! अब पोलैंड विश्वविद्यालय के अंतर्गत डॉक्टर फिलिप ने एक कार्य योजना तैयार की है, जिसके अंतर्गत शहजाद राय शोध संस्थान में संग्रहित दुर्लभ प्राचीन प्राकृत भाषा की पांडुलिपियों का एक कार्य योजना के आधार पर पॉलिश भाषा में अनुवाद और प्रकाशन का महत्वपूर्ण कार्य किया जाएगा!
सबसे पहले संस्कृत भाषा में रचित भक्तांबर स्तोत्र एवं तत्वार्थ सूत्र के पोलैंड की राजकीय भाषा में अनुवाद करने की योजना बना ली गई है, जिसके लिए दुर्लभ पांडुलिपियों की स्कैंड कॉपी आगामी कार्य के लिए प्रदान कर दी गई! दिल्ली विश्वविद्यालय में दिल्ली कॉलेज ऑफ आर्ट के प्राध्यापक डॉ महेंद्र नाथ ने भी दिल्ली विश्वविद्यालय के शोधार्थियों को शीघ्र ही बड़ोत के शहजाद राय शोध संस्थान लाने की इच्छा जाहिर की!
संस्थान आगमन पर शहजाद राय केला देवी जयंती स्मृति न्यास के अध्यक्ष सुरेश चंद जैन ने शोधार्थियों का स्वागत अभिनंदन साहित्य भेंट कर किया!
