
मेरठ में शहर का पहला गैस संचालित शवदाह गृह शुरू हो जाएगा। यह कल से शुरू हो जाएगा। जहां 45 मिनट में अंतिम संस्कार हो सकेगा। वर्ष 2021 में कोरोना का प्रकोप चरम पर था। शहर में प्रतिदिन मृत्यु दर 100 का आंकड़ा पार कर गई थी। गंगा मोटर कमेटी के देखरेख में चल रहे सूरजकुंड श्मशान घाट में अंतिम संस्कार के लिए जगह शेष नहीं थी। तब आपात हालात को देखते हुए गंगा मोटर कमेटी ने गैस संचालित शवदाह गृह का निर्माण कार्य आरंभ किया।
एक अंतिम संस्कार में अधिकतम 45 मिनट का समय लगेगा। प्लेटफार्म से मशीन के अंदर शव को ले जाने के लिए इलेक्ट्रिक मोटर का प्रयोग किया जाएगा। एक शव के अंतिम संस्कार में लगभग 15 किलो गैस उपयोग में आएगी। ऐसे में संपूर्ण खर्च 1200 से 1500 से बीच होगा।


