मेरठ मेडिकल कॉलेज में दूरबीन विधि से रोटेटर कफ सर्जरी की सफलता

मेरठ : मेरठ मेडिकल कॉलेज ने एक बार फिर एक नई उपलब्धि हासिल की है। कॉलेज के अस्थि रोग विभाग में पहली बार दूरबीन विधि से कंधे के रोटेटर कफ की सर्जरी सफलतापूर्वक की गई है। यह सर्जरी शहर के लिए एक बड़ी उपलब्धि है क्योंकि इस तरह की जटिल सर्जरी आमतौर पर दिल्ली-मुंबई जैसे महानगरों में ही होती थी।
क्या है रोटेटर कफ?
रोटेटर कफ कंधे की मांसपेशियों और लिगामेंट का एक समूह है जो कंधे के जोड़ को गतिशीलता प्रदान करता है। जब ये मांसपेशियां या लिगामेंट चोट या अधिक दबाव के कारण फट जाते हैं तो इसे रोटेटर कफ टियर कहते हैं। यह समस्या आमतौर पर पेंटर, लकड़ी का काम करने वाले और खेल खिलाड़ियों में अधिक देखी जाती है।
कैसे हुई सर्जरी?
बुलंदशहर के 40 वर्षीय आनंद (बदला हुआ नाम) को पिछले महीने कंधे में चोट लग गई थी। विभिन्न जगहों पर इलाज कराने के बाद वे मेरठ मेडिकल कॉलेज के अस्थि रोग विभाग पहुंचे। विभाग के ऑर्थोपैडिक एवं स्पोर्ट्स इंजरी विशेषज्ञ डॉ कृतेश मिश्रा ने मरीज की जांच की और दूरबीन विधि से सर्जरी करने का निर्णय लिया। डॉ मिश्रा की टीम ने सफलतापूर्वक मरीज की फटी हुई लिगामेंट की मरम्मत की।
विभाग के लिए उपलब्धि
अस्थि रोग विभाग के अध्यक्ष डॉ टोंक ने बताया कि यह सर्जरी विभाग के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। इससे आम जनता को महंगे निजी अस्पतालों में जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी और उन्हें बेहतर इलाज मिल सकेगा।
प्राचार्य का अभिनंदन
मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ आर सी गुप्ता ने डॉ कृतेश मिश्रा और पूरी टीम को इस उपलब्धि के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि कॉलेज का लक्ष्य है कि वह लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करे और इस तरह की सफलताएं इस दिशा में एक कदम हैं।
टीम
इस सर्जरी में डॉ कृतेश मिश्रा के साथ डॉ नमन, डॉ अभिषेक और एनेस्थेसिया विभाग के डॉ योगेश माणिक और डॉ प्रमोद भी मौजूद रहे।


