
- मवाना बाइपास पर एक एकड़ में 1600 पौधे लगाकर शुरू की खेती
- गुजराती मित्र की प्रेरणा से गन्ना छोड़ शुरू की औद्यानिक खेती
ड्रैगन फ्रूट की खेती मेरठ के किसानों के लिए अच्छा संकेत है। औद्यानिक खेती करने वाले किसानों को अनुदान भी दिया जा रहा है। ड्रैगन फ्रूट मंडी में काफी महंगा बिकता है।
गमपाल सिंह, जिला उद्यान अधिकारी
मेरठ : शुगर बाउल कहे जाने वाले वेस्ट यूपी के किसानों ने अपनी आय में वृद्धि करने के लिए गन्ने से अलग औद्यानिक खेती का रास्ता चुना है। मेरठ के प्रगतिशील किसान सचिन चौधरी ने पैतृक गन्ने की खेती को छोड़ मवाना क्षेत्र के भैंसा गांव में ड्रैगन फ्रूट की खेती शुरू की। पिछले साल अप्रैल माह में सचिन ने गुजरात से 1600 पौधे लाकर एक एकड़ में रोपाई की थी। इसके लिए एक एकड़ में 400 पोल खड़े किए गए। प्रति पोल पर चार पौधे कैक्टस बेल की तरह लगाए गए हैं। इस पर फूल आना शुरू हो गया है। कुछ ही समय में ड्रैगन फ्रूट का उत्पादन भी होगा। बतौर सचिन, एक एकड़ में ड्रैगन फ्रूट की खेती करने के लिए लगभग पांच लाख रुपये की लागत आई है। फुटकर बाजार में ड्रैगन फ्रूट के एक पीस की कीमत 200 से 250 रुपये तक होती है। अप्रैल से अक्टूबर तक फल का उत्पादन होगा। ड्रैगन फ्रूट के पौधे की आयु 15 से 20 वर्ष होती है। बकौल सचिन, पांचवें साल से उन्हें लगभग सालाना आठ लाख संभावित आमदनी की उम्मीद है।

ड्रैगन फ्रूट में ड्रिप से होगी सिंचाई
ड्रैगन फ्रूट के खेत में सचिन चौधरी ने सिंचाई के लिए ड्रिप सिंचाई का उपयोग किया है। इससे जल संरक्षण तो होगा ही, साथ ही बिजली की बचत भी होगी। उन्होंने बताया कि ड्रैगन फ्रूट उत्पादन होने पर वह फल को बेचने के लिए दिल्ली की गाजीपुर मंडी समेत बड़ी मंडियों में जाएंगे। वहां पर अच्छे दाम मिलने की पूरी उम्मीद है।

इस तरह हुई ड्रैगन फ्रूट की शुरूआत
भूमि – एक एकड़
एक पौधे की कीमत – 65 रुपये
कुल पौधे लगाए – 1600
पोल खड़े किए – 400
एक पोल में लागत – 300 रुपये
मंडी में कीमत – 100 से 150 रुपये प्रति पीस
फुटकर बाजार में कीमत – 200 से 250 रुपये
