
मेरठ : बाईपास रोड के लगभग अंतिम छोर पर बनाया जा रहा मेरठ नॉर्थ स्टेशन शहर के बाहरी हिस्सों से आने वाले यात्रियों को मेट्रो की सुविधा प्रदान करेगा। यह बाईपास मेरठ के उत्तरी हिस्से में रुढ़की रोड पर जाकर मिलता है। इस स्टेशन को रणनीतिक रूप से इस प्रकार का नियोजित एवं डिज़ाइन किया गया है कि बाईपास से आने वाले यात्रियों को विश्वस्तरीय, सुविधाजनक एवं सुरक्षित यात्रा का अनुभव प्रदान किया जा सके। मेरठ नॉर्थ स्टेशन से मेट्रो द्वारा यात्री शहर के अंदरूनी इलाकों- दौरली, एमईएस कॉलोनी, बेगमपुल, भैसाली, मेरठ सेंट्रल, ब्रह्मपुरी और शताब्दीनगर में सुविधापूर्वक यात्रा कर सकेंगे।
शहर के अंदर सड़क मार्ग पर भीड़ होने के कारण कई यात्री मेरठ बाईपास रोड का इस्तेमाल करते हैं। ऐसे में मेरठ नॉर्थ स्टेशन से मिलने वाली मेट्रो सुविधा इन यात्रियों के लिए शहर के अंदर आने-जाने में लगने वाले समय की बचत करेगी। मेरठ नॉर्थ मेट्रो स्टेशन मेरठ बाईपास पर बने सेल्फी पॉइंट- ‘आई लव मेरठ’ के नजदीक है। इस पॉइंट तक अलग-अलग इलाकों से ऑटो, टैक्सियां, लोकल बसें यात्रियों को लेकर आती हैं। पावली खास, जेवरी, पोहल्ली, नंगला तशी, जन्गेथी और बाईपास पर स्थित शिक्षण संस्थानों में आने जाने वाले लोग सड़क के जरिये सेल्फी पॉइंट तक आते-जाते हैं। यहां तक आने के बाद सभी यात्री मेरठ नॉर्थ स्टेशन से मेट्रो में सफर का लाभ उठा सकते हैं।
सड़क के एक किनारे पर बन रहे मेरठ नॉर्थ स्टेशन के साथ एक एफओबी (फुट ओवर ब्रिज) का निर्माण किया जाएगा। यह एफओबी सड़क की दूसरी साइड के आबादी वाले हिस्से को मेट्रो स्टेशन से जोड़ेगा। यानी पल्लवरपुरम के रिहायशी इलाके, रॉयल पार्क एक्सटेंशन और मधु विहार कॉलोनी की तरफ स्टेशन का निर्माण हो रहा है, जबकि एफओबी के जरिये सड़क के उस पार शिवनगर, एनबी कॉलोनी और व्यावसायिक केंद्रों से स्टेशन जुड़ जाएगा। मेरठ नॉर्थ स्टेशन के पास अंसल समेत कुछ रिहायशी सोसाइटियाँ भी हैं, यहां रहने वाले लोगों के लिए यह मेट्रो स्टेशन नजदीक होगा।


मेरठ नॉर्थ मेट्रो स्टेशन का लगभग तीन-चौथाई काम पूरा हो चुका है। यह एक एलिवेटेड स्टेशन है, जो 4 पिलर पर बनाया जाएगा। अभी इन पिलर के फाउंडेशन का निर्माण कार्य चल रहा है। इस 75 मीटर लंबे और 22 मीटर चौड़े एलिविटेड स्टेशन में तीन लेवल,ग्राउंड, कॉनकोर्स और प्लेटफॉर्म लेवल बनाए जाएंगे। स्टेशन के प्लेटफॉर्म लेवल की ऊंचाई लगभग 17 मीटर होगी।
मेरठ नॉर्थ स्टेशन पर दो प्रवेश/निकास द्वार होंगे। यात्रियों की सुविधा के लिए ग्राउंड लेवल से कॉनकोर्स या प्लेटफॉर्म लेवल पर जाने के लिए लिफ्ट लगी जाएगी। कॉनकोर्स लेवल पर यात्रियों के लिए सुरक्षा जांच, टिकट काउंटर, एएफ़सी (ऑटोमैटिक फेयर कलेक्शन) गेट की सुविधा होगी। यात्री सीढ़ियों, लिफ्ट या एस्कलेटर की मदद से कॉनकोर्स लेवल से प्लेटफ़ार्म लेवल पर जा सकेंगे।
82 किमी लंबे दिल्ली-गाज़ियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर के साथ ही मेरठ को मेट्रो का तोहफा भी मिलने जा रहा है, यानी मेरठ में आरआरटीएस नेटवर्क पर ही स्थानीय परिवहन सेवाएं प्रदान की जाएंगी। मेरठ मेट्रो के लिए लगभग 21 किलोमीटर के दायरे में 13 स्टेशनों का निर्माण किया जा रहा है। इसमें तीन स्टेशन भूमिगत होंगे, बाकी सभी स्टेशन एलिवेटेड होंगे। जाम, परिवहन के साधनों की नियमितता और अभाव की समस्या से जूझ रहे शहर की सड़कों पर दबाव कम करके, यह परियोजना मेरठ के यातायात तंत्र को पूरी तरह बदल देगी।