दिल्ली पुलिस के सिपाही की मेरठ में हत्या, कातिल तांत्रिक ने गला काट शव गंगा में बहाया , गिरफ्तार
मेरठ। दिल्ली पुलिस के लापता हेडकांस्टेबल गोपीचंद की हत्या का सरधना पुलिस ने सनसनीखेज खुलासा किया है। हस्तिनापुर में गंगा किनारे विदुर धाम आश्रम में साधु वेश में रहने वाले तांत्रिक ने गोपीचंद की दांव से गर्दन काटकर हत्या कर दी। तांत्रिक ने बताया कि गोपीचंद पत्नी की तंत्र क्रिया से हत्या कराने के लिए साढ़े चार लाख की रकम दे चुका था। हत्या वाले दिन भी डेढ़ लाख की रकम लेकर गया था। गोपीचंद रकम वापस नहीं मांग ले। इसलिए हत्या करने के बाद शव को गंगा में फेंक दिया था। पुलिस ने आलाकत्ल दांव, बाइक तथा खून से सना कुर्ता बरामद कर लिया है।
सरधना पुलिस द्वारा हस्तिनापुर आश्रम से अभियुक्त गणेशानन्द उर्फ गनपत पुत्र गुरूप्रसाद चेला परमानन्द निवासी ग्राम सिमौरा थाना हुसैनगंज जिला फतेहपुर उ0प्र0 को दिनांक गिरफ्तार किया गया ।

पकड़े गए आरोपी ने पुलिस को बताया कि सिपाही गोपीचंद से उसकी पुरानी पहचान थी। किसी महिला से प्रेम प्रसंग के चलते गोपीचंद तंत्र क्रिया से अपनी बीवी को मरवाना चाहता था। इसके एवज में गोपीचन्द ने बाबा गणेशान्द को एक साल के अन्दर करीब ढाई लाख रूपया जिसमें कुछ नगद व कुछ यू0पी0आई0 ट्रांजेक्शन के माध्यम से बाबा को दिया। बाबा गणेशान्द ने दिनांक 26.03.2023 को गोपीचन्द को डेढ लाख रूपये लेकर अपने आश्रम पर आने और गोपीचन्द की पत्नी रेखा को मारने के लिए तन्त्र-मन्त्र करने के लिए बुलाया, दिनांक 26.03.2023 को गोपीचन्द अपनी मोटरसाइकिल नं0 यू0पी0 15 बी0 डब्ल्यू0 8692 से एक मुर्गा लेकर बाबा के आश्रम में पहुँचा ,बाबा तन्त्र मन्त्र का सामान के साथ व एक दांव लेकर गोपीचन्द के साथ सिरजेपुर गाँव के पास गंगा किनारे तन्त्र मन्त्र करने के लिए पहुँचा ,बाबा तन्त्र मन्त्र करने लगा और गोपीचन्द वही पास में लेट गया , बाबा ने पहले मुर्गे की बलि दी और फिर उसी दांव से लेटे हुए गोपीचन्द के गले पर प्रहार कर घायल कर दिया जिससे गोपीचन्द की मृत्यु हो गयी और बाबा गणेशान्द ने पास बह रही गंगा नदी में गोपीचन्द के शव को बहा दिया और उसके मोबाईल को भी गंगा नदी में फैंक दिया और गोपीचन्द की मोटर साइकिल की नम्बर व इंडीगेटर आदि में तोड फोड करने के बाद गंगा नदी में खींच कर धकेल दी जो दिनांक 12.04.2023 को उसी स्थान से थाना सरधना पुलिस द्वारा बरामद की जा चुकी है ।
आज जाँचकर्ता द्वारा बाबा गणेशानन्द के आश्रम में जाकर बाबा से पूछताछ की गयी तो बाबा गणेशानन्द ने अपना जुर्म स्वीकार करते हुए अपने आश्रम से घटना के समय पहना हुआ रक्त रंजित कुर्ता बरामद कराया और गंगा किनारे चलकर घटनास्थल की तस्दीक कराने और आला कत्ल दांव अपनी निशादेही पर बरामद कराने के लिए कहा जिस पर पुलिस टीम द्वारा बाबा गणेशानन्द की निशानदेही पर गंगा किनारे घटनास्थल पर पहुँचकर घटनास्थल का निरीक्षण किया गया और बाबा गणेशानन्द की निशा देही पर आला कत्ल दांव और मोटरसाइकिल के टूटे हुए टुकडे बरामद कर बाबा गणेशानन्द को उसके जुर्म धारा 302,201 भादवि से अवगत कराते हुए गिरफ्तार किया गया ।

बाबा गणेशानन्द से गोपीचन्द को मारने का कारण पूछने पर बताया कि गोपीचन्द मुझे 4,50,000/- (साढे चार लाख) रूपये दे चुका था और डेढ लाख रूपये उसके पास नगदी थी ,मुझे मामूल था कि तंत्र-मंत्र से मैं गोपीचन्द की पत्नी रेखा की मृत्यु नही कर सकता हूँ , गोपीचन्द मुझसे अपने रूपये वापस मांगेगा और मुझे डेढ लाख रूपये की भी सख्त जरूरत थी इसीलिए मैंने गोपीचन्द की हत्या की है ।