उत्तर प्रदेश के मदरसों में राष्ट्रगान होगा अनिवार्य,मदरसा एजुकेशन बोर्ड ने लिया फैसला

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में लाऊड स्पीकर का मामला काफी समय से जारी है। इसी बीस अब उत्तर प्रदेश के सभी मदरसों में अब राष्ट्रगान अनिवार्य होगा, यूपी के एजुकेशन बोर्ड ने यह आदेश जारी किया है । बीजेपी नेता मोहसिन रजा ने इसका स्वागत किया है । रजा ने कहा कि इससे बच्चों में देश के प्रति प्यार बढ़ेगा. यह अनुशासन और देशभक्ति की सीख देगा। अधिकारियों ने गुरुवार को ये जानकारी दी कि सभी मदरसों में राष्ट्रगान (Jana Gana Mana) गाना अब अनिवार्य किया गया है । उत्तर प्रदेश मदरसा एजुकेशन बोर्ड (Uttar Pradesh Madrassa Education Board) के रजिस्ट्रार एसएन पांडे ने इसे लागू कराने के लिए सभी जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारियों को 9 मई को एक आदेश जारी किया था ।
इस बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि 24 मार्च को बोर्ड मीटिंग के दौरान ये निर्णय़ लिया गया । इसमें प्रार्थना के दौरान सभी मदरसों में राष्ट्रगान गाया जाना अनिवार्य करने का फैसला किया गया । उन्होंने कहा कि सभी मदरसों में रमजान के बाद 12 मई से नियमित कक्षाएं शुरू हो गई थीं और यह आदेश उसी दिन से प्रभावी हो गया । आदेश में कहा गया है कि कक्षाएं प्रारंभ होने से पहले शिक्षकों और छात्रों द्वारा राष्ट्रगान गाया जाएगा, यह सभी मान्यताप्राप्त, वित्तीय सहायता प्राप्त और गैर वित्तीय सहायता प्राप्त मदरसों में लागू होगा । जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारियों को आदेश के अनुपालन के लिए निर्देश दिए गए हैं ।

उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री दानिश आजाद ने इस सिलसिले में जानकारी देते हुए कहा कि मदरसा में शिक्षा हमारे अल्पसंख्यक समाज के लिए बहुत ज़रूरी है । जब वहां से राष्ट्रगान होगा तो वहां पढ़ने वाला बच्चा समाज के निर्माण में अपनी भूमिका निभाएगा । हमारी सरकार मदरसा में शिक्षा व्यवस्था को और बेहतर बनाने का प्रयास कर रही है ।
उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री दानिश आजाद ने आगे कहा कि पिछले 5 सालों में हमने मदरसों को आधुनिकीकरण से जोड़ा है । मदरसों में हम स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में पाठ्यक्रम को भी जोड़ रहे हैं । गौरतलब है कि प्रदेश के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री धर्मपाल सिंह ने पिछले महीने मदरसों में राष्ट्रवाद की शिक्षा देने पर जोर दिया था ।
बात दें कि टीचर्स एसोसिएशन मदरिस अरबिया के महासचिव दीवान साहब जमान खान ने कहा, अभी तक मदरसों में हम्द (अल्लाह के लिए) और सलाम (पैगंबर मोहम्मद को सलाम) ही कक्षाएं शुरू होने के पहले गाया जाता था । कुछ मदरसों में राष्ट्रगान गाया जाता था, लेकिन यह अनिवार्य नहीं था, जिसे अब कंपलसरी बनाया गया है ।